मध्य प्रदेश में हाल ही में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां कुछ लोगों ने मुआवज़ा हासिल करने के इरादे से बिना दरवाज़ों और खिड़कियों के 'भूतिया मकान' खड़े कर दिए हैं। सरकार की विकास परियोजनाओं, जैसे कि सड़क या अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण, के चलते प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा दिया जाता है। इसी का फायदा उठाने के लिए कुछ लोगों ने खाली ज़मीनों पर अधूरी और असल में रहने लायक नहीं बनीं इमारतें खड़ी कर दीं।
स्थानीय प्रशासन ने संदेह के आधार पर इन मामलों की जांच शुरू कर दी है। सर्वे में सामने आया है कि इन मकानों में कोई मूलभूत सुविधा नहीं है—न दरवाज़े, न खिड़कियां और न ही बिजली या पानी की व्यवस्था।
जिलाधिकारी और राजस्व विभाग की टीमों को ऐसे सभी निर्माणों की सूची बनाने और उनकी वैधता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल वास्तविक रूप से प्रभावित और योग्य व्यक्तियों को ही मुआवज़ा मिलेगा।
यह मामला अब राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है और अधिकारियों ने ऐसी धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मध्य प्रदेश में मुआवज़ा पाने के लिए बनाए गए 'भूतिया मकान', जांच के घेरे में
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Re: मध्य प्रदेश में मुआवज़ा पाने के लिए बनाए गए 'भूतिया मकान', जांच के घेरे में
ये मामला दिखाता है कि हमारे सिस्टम में कितनी बड़ी कमी है। कुछ लोग मुआवज़ा पाने के लिए झूठे और अधूरे मकान बनाकर सरकार को धोखा दे रहे हैं। ऐसा करना गलत ही नहीं, बल्कि उन गरीब और असली पीड़ित लोगों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है जिन्हें सच में मदद की ज़रूरत है।