चीन के कर्ज से पार पाएगा पाकिस्तान या होगा श्रीलंका जैसा हाल? एक्सपर्ट ने बताया हर दिन क्यों बढ़ रहा संकट

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Realrider
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चीन के कर्ज से पार पाएगा पाकिस्तान या होगा श्रीलंका जैसा हाल? एक्सपर्ट ने बताया हर दिन क्यों बढ़ रहा संकट

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यव्सथा बीते कुछ समय में काफी खराब हालात में चली गई है। नए कर्ज के लिए उसकी निगाह चीन और यूएई की तरफ है तो आईएमएफ से भी राहत की उम्मीद है। अगर पाकिस्तान को विदेश से मदद नहीं मिलती है तो देश के सामने दिवालिया होने तक का संकट है। पाकिस्तान ने चीन से कई प्रोजेक्ट के लिए कर्ज लिए हैं लेकिन ये उसके लिए मुश्किल का सबब बन रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से कर्ज पर रियायत भी मांगी है लेकिन बात बनती नहीं दिखी है। पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा ने पाकिस्तान के जानेमाने बिजनेसमैन और आर्थिक विशेषज्ञ राजा आमिर इकबाल से इस पर बात की है। चीनी कर्ज के हवाले से राजा ने कहा कि पाकिस्तान में जो आईपीपी चीन की ओर से लगीं हैं, उनमें चीन को डॉलर में वापसी की गारंटी दी गई है। इसे अब पाकिस्तान मैनेज नहीं कर पा रहा है। ऐसे में अब पाक सरकार को चीन से बातचीत की जरूरत है। इसमें कई दूसरे स्टेकहोल्डर भी हैं, इन सबसे भी बातचीत होनी चाहिए।

राजा आमिर इकबाल ने कहा कि चीन ने हमेशा पाकिस्तान की मदद की है और वह बुरे वक्त पर काम आता रहा है। ऐसे में अभी भी वह मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'जो चीजें पाकिस्तान के अंदर हो रही हैं, वो स्थिति की बेहतरी के लिए नहीं है। देश में सरकारें ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बना रही है, जो लोगों के भविष्य के लिए काम कर रही हों। जिस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, वो तो एक तरह से लोगों पर टैक्स का बोझ ही बढ़ा रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकारें सिर्फ ये ध्यान कर रही हैं कि उनका कार्यकाल कैसे ठीक से पूरा हो जाए। इस सोच के साथ तो देश के हालात नहीं सुधरेंगे।''पाकिस्तान के युवा दूसरे देशों में जा रहे है'

आईएमएफ ने हाल ही में पाकिस्तान से अपना राजस्व बढ़ाने को कहा था। इस पर राजा ने कहा कि आईएमएफ के कहने पर सरकार ने कदम उठाए और कई तरह के कर लगा दिए। अब इसमें हो ये रहा है कि आम जनता की कमर टूट रही है। इससे कहीं ना कहीं आम लोगों में गरीबी बढ़ रही है। एक तरफ आप टैक्स बढ़ा रहे तो दूसरी जगह सरकार के खर्च बढ़ रहे हैं। कम से कम टैक्स के पैसे को सही जगह तो इस्तेमाल करें। जनता के पैसे को अपने खर्च के लिए ले लेने से कैसे चीजें ठीक होंगी। इसका असर ये हो रहा है कि पाकिस्तान का पढ़ा लिखा तबका तेजी से दूसरे देशों की ओर जा रहा है। टैलेंट के बाहर जाने का सीधा नुकसान पाकिस्तान को हो रहा है।

आमिर इकबाल ने आगे कहा कि अभी तक के जो हालात पाकिस्तान की इकॉनमी के हैं। उसमें उनको हाल फिलहाल में कोई बेहतरी की उम्मीद नजर नहीं आती है। इसकी वजह ये है कि सरकार की पॉलिसी राजनीति से प्रभावित नजर आती है। सरकार को समझना होगा कि राजनीतिक प्रोग्राम लुभावने हो सकते हैं लेकिन आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए इससे आगे बढ़कर कदम उठाने होते हैं। उन्होंने कहा कि देश के श्रीलंका की तरह दिवालिया हो जाने की बात कहना जल्दीबाजी है लेकिन स्थिति बहुत अच्छी भी नहीं है।
Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/w ... 857578.cms
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