कितने ही एग्जाम्स दिए लिखित पेपर में इतनी दिक्कत नहीं आती जीतने की यह वैकल्पिक उत्तर जब दिए जाते हैं इतना ही कन्ज्यूरिंग होता है कई बार की समझ में नहीं आता कि क्या उत्तर हो सकता है और तब जब विवेक काम नहीं करता तब ईश्वर का सहारा राम जी का नाम लेकर बना दो सर्कल, बाकी राम जी देखें
मुझे अपने कॉलेज के दिनों में बहुत मजा आता था मतलब इंटरेस्टिंग इंटरेस्टिंग सब्जेक्ट की क्लासेस और जो क्लास में हमें एकदम बोर हो रहा है उसे या तो लास्ट बेंच में जाकर सो जाओ या तो क्लास में जो ही ना और फ्रेंड्स के साथ उनका लंच शेयर करना कभी कबार तो कॉलेज के बाद कैसे चले जाना बहुत मजा आता था वह दिन भी क्या दिन थे "!"
मैं भी अपने कॉलेज के दिनों में सबसे ज्यादा मिस अपने दोस्तों को किया जो शादी के बाद सब एक-एक करके जाने लग गए थे। कॉलेज के टाइम कैंटीन में जाकर खूब समोसा पार्टी करते थे बहुत मस्ती करते थे और टीचर्स भी बहुत अच्छे थे। कॉलेज टाइम में अगर कुछ महसूस होता है तो वह है सबसे अच्छी दोस्ती। कॉलेज टाइम के बेस्ट मोमेंट।
बचपन में जब छोटे थे स्कूल जाने का मन नहीं करता था आप बड़े हो गए हैं तो स्कूल जाने का मन करता है। उस समय सबसे मजा अपने दोस्तो के साथ आता था हम बड़े हुए हम लोगों की क्लास भी भाड़ गई जैसे जिसे समय बीता हम सब दोस्त पिछड़ गए सबसे मजा स्कूल मानी आता था
एक समय हम सब लोग एक ही बचें पर बैठते थे फिर साथ मानी कहना खाया करते थे स्कूल टाइम इस बेस्ट लाइफ
मैं कॉलेज के दिनों में अपने दोस्तों को बहुत मिस किया करती थी उनके साथ घूमने लेक्चर ट्रेन करना और कैंटीन में जाकर खूब मस्ती करना यह सब अब शादी के बाद बहुत याद आता है और सभी दोस्तों से मिलना भी बहुत याद आता है यह सारी चीज हमें तब रिलाइज नहीं होती यह तब रिलाइज होती है तब हम उनसे दूर हो जाते हैं तो हमें यह सारी चीज बहुत ज्यादा मिस होती है कॉलेज छूटने के बाद
Sonal singh wrote: Wed Dec 04, 2024 3:46 pm
मैं भी अपने कॉलेज के दिनों में सबसे ज्यादा मिस अपने दोस्तों को किया जो शादी के बाद सब एक-एक करके जाने लग गए थे। कॉलेज के टाइम कैंटीन में जाकर खूब समोसा पार्टी करते थे बहुत मस्ती करते थे और टीचर्स भी बहुत अच्छे थे। कॉलेज टाइम में अगर कुछ महसूस होता है तो वह है सबसे अच्छी दोस्ती। कॉलेज टाइम के बेस्ट मोमेंट।
हमारे कॉलेज में समोसे बहुत अच्छे मिलते थे हमारे कॉलेज की कैंटीन में और कभी भी चले जाओ वहां पर भीड़ लगी ही रहती थी बड़ी मुश्किल से भारी आई थी भाई उसकी चटनी का स्वाद तो आज तक जुबान पर है बहुत समोसे खाए लेकिन वह समोसे उनके जैसे तो कहीं दुनिया में नहीं मिल सकते।
Achintya soni wrote: Wed Dec 04, 2024 4:04 pm
बचपन में जब छोटे थे स्कूल जाने का मन नहीं करता था आप बड़े हो गए हैं तो स्कूल जाने का मन करता है। उस समय सबसे मजा अपने दोस्तो के साथ आता था हम बड़े हुए हम लोगों की क्लास भी भाड़ गई जैसे जिसे समय बीता हम सब दोस्त पिछड़ गए सबसे मजा स्कूल मानी आता था
एक समय हम सब लोग एक ही बचें पर बैठते थे फिर साथ मानी कहना खाया करते थे स्कूल टाइम इस बेस्ट लाइफ
एक साथ क्लास लगानी और फिर उसके बाद एक साथ ही बंक भी मारना एक का मन नहीं करता क्लास में जाने का तो दूसरा भी उसे जबरदस्ती रोक लेता और फिर दोनों वंक मार के या तो कैंटीन में या फिर खाली क्लास में बैठकर बाकियों के साथ गप्पे हांकना। बड़े ही खूबसूरत दिन थे आज भी याद करके ऊर्जा मिल जाती है।
Rakhi saraswat wrote: Wed Dec 04, 2024 8:27 pm
मैं कॉलेज के दिनों में अपने दोस्तों को बहुत मिस किया करती थी उनके साथ घूमने लेक्चर ट्रेन करना और कैंटीन में जाकर खूब मस्ती करना यह सब अब शादी के बाद बहुत याद आता है और सभी दोस्तों से मिलना भी बहुत याद आता है यह सारी चीज हमें तब रिलाइज नहीं होती यह तब रिलाइज होती है तब हम उनसे दूर हो जाते हैं तो हमें यह सारी चीज बहुत ज्यादा मिस होती है कॉलेज छूटने के बाद
कॉलेज में दोस्तों के साथ खास करके अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ यह वादे भी तो किए जाते थे कि हम सारी जिंदगी साथ रहेंगे चाहे दूर रहे लेकिन कांटेक्ट में रहेंगे लेकिन धीरे-धीरे सारे कांटेक्ट खत्म हो जाते हैं और वह दोस्त कहां है कि हाल में है कुछ पता ही नहीं चलता। कभी-कभी वह कॉलेज के दिन और वह दोस्त वह मौज मस्ती बड़ी याद आती है।