धरती ने फिर चादर बिछाई।
छुट्टी का दिन, मन मस्ताना,
घर बैठे बना बहाना।
गर्म चाय का प्याला हाथ में,
संग पकौड़े और बातें साथ में।
खिड़की से झांकें बूंदों का खेल,
मिट्टी की खुशबू, दिल को झमेले।
किताबों की दुनिया, सपनों की बात,
बारिश के संग उड़ते ख्यालात।
भीगी हवाओं का मीठा एहसास,
छुट्टी का दिन बन गया खास।
बारिश के मौसम में स्कूल के दिनों को याद करना