1. भ्रामक जानकारी: AI इन्फ्लूएंसर्स कभी-कभी बिना किसी वास्तविक अनुभव के प्रोडक्ट्स या सेवाओं को प्रमोट करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को गलत जानकारी मिल सकती है।
2. मानव प्रभाव की कमी: AI इन्फ्लूएंसर्स का असली मानवीय दृष्टिकोण और भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं होता, जिससे उपभोक्ता उनसे जुड़े वास्तविक संबंध महसूस नहीं कर पाते।
3. नैतिकता और पारदर्शिता: AI इन्फ्लूएंसर्स की वास्तविकता और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। क्या हम सही तरीके से जान पा रहे हैं कि कौन इंसान है और कौन AI?
इस नए ट्रेंड के बढ़ने के साथ, हमें इन तकनीकों के उपयोग में सावधानी बरतने और सही नैतिक मानकों का पालन करने की जरूरत है।



