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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 01.06.2025
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Population of India : भारत अगली सदी में भी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. भारत की जनसंख्या 2060 के दशक के मध्य में चरम पर होगी. इस रिपोर्ट में जानें सरकार क्या कर रही और कौन से राज्यों में है सबसे ज्यादा प्रजनन दर...
Population of India : भारत की आबादी चीन से भी आगे बढ़ गई है. इसके कारण हमारे संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं और यही हाल रहा तो पानी के लिए भी हम तरस जाएंगे. देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) पर खुद को सीमित कर लिया है. 2.1 फर्टिलिटी रेट को भारत की जनसंख्या के हिसाब से बेहतर फर्टिलिटी रेट बताया जा रहा है. इससे भारत में न तो नौजवानों की कमी रहेगी और न ही बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों की तुलना में बढ़ेगी. जापान इसी समस्या से जूझ रहा है. वहां बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों से बहुत अधिक हो गई है.
सरकार क्या कर रही?
विश्व जनसंख्या दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या को काबू करने के लिए हाई फर्टिलिटी रेट वाले राज्यों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकेगा, जब भारत के लोग स्वस्थ रहें और यह तभी मुमकिन है जब परिवार छोटे हों.
1950 में भारत का टीएफआर 6.18 था, 1980 तक यह 4.6 आ गया. 2021 में टीएफआर 1.91 हो गया था. यह स्टेबल जनसंख्या के लिहाज से नीचे था. एक अध्ययन में हाल ही में कहा गया कि भारत की टीएफआर 2050 तक 1.29 हो सकती है.
ये हैं ज्यादा प्रजनन वाले राज्य
बिहार में प्रजनन दर 3 है. मेघालय में 2.9, उत्तर प्रदेश में 2.4, झारखंड में 2.3 और मणिपुर में 2.2 है.
ये हैं कम प्रजनन वाले राज्य
सिक्किम में प्रजनन दर 1.1 है. गोवा में 1.35, लद्दाख में 1.35, लक्षद्वीप में 1.38 और चंडीगढ़ में 1.39 है.
संयुक्त राष्ट्र का दावा
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 अरब तक पहुंच जाने का अनुमान है और इसके बाद इसमें 12 प्रतिशत की कमी आएगी, लेकिन इसके बावजूद यह पूरी शताब्दी के दौरान विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 50-60 वर्षों के दौरान दुनिया की जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है और 2024 में यह 8.2 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि 2080 के दशक के मध्य तक लगभग दुनिया की आबादी लगभग 10.3 अरब हो जाएगी. हालांकि, चरम स्थिति पर पहुंचने के बाद वैश्विक जनसंख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने का अनुमान है और यह सदी के अंत तक घटकर 10.2 अरब रह जाएगी. भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया था और 2100 तक यह उसी स्थान पर बना रहेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जनसंख्या विशेषज्ञ मनु गौड़ ने कहा कि यह बहुत विचित्र स्थिति है. 1952 में सबसे पहले भारत ने परिवार नियोजन की प्लानिंग की थी और आज दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जनसंख्या के मामले में यह हमारी अब तक की सरकारों की नाकामी को दर्शाता है. भारत सरकार को जल्द से जल्द इस पर एक नीति बनाने की जरूरत है. ये जो अभी आंकड़े हैं, वे सैंपल के हैं, हमारे असली आंकड़े 2011 के हैं. इसके बाद जनगणना नहीं हुई है. यह भी जल्द कराने की आवश्यकता है.
पाकिस्तान का क्या होगा?
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि अगले 30 वर्षों में पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. पाकिस्तान की वर्तमान जनसंख्या 251 मिलियन से बढ़कर 2054 में 389 मिलियन हो जाएगी. पाकिस्तान की जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और इंडोनेशिया से आगे निकल जाएगी. तब भारत की जनसंख्या 1.69 अरब और चीन की 1.21 अरब होने का अनुमान है.
ज्यादा प्रजनन दर वाले राज्य अधिकतम गरीब राज्य ही है और अशिक्षित लोगो की यहाँ अधिकता है जो की एक दूसरा कारण है की यहाँ प्रजनन दर बाकी के मुकाबले अधिक है| इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को एकजुट स्कीम चलानी चाहिए जिससे कम बच्चे पैदा करने पर उन्हें कुछ अधिक सुविधाए मिले और गरीब तबका इसे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार लेगा मेरा जहा तक मानना है|
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
Population of India : भारत अगली सदी में भी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. भारत की जनसंख्या 2060 के दशक के मध्य में चरम पर होगी. इस रिपोर्ट में जानें सरकार क्या कर रही और कौन से राज्यों में है सबसे ज्यादा प्रजनन दर...
Population of India : भारत की आबादी चीन से भी आगे बढ़ गई है. इसके कारण हमारे संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं और यही हाल रहा तो पानी के लिए भी हम तरस जाएंगे. देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) पर खुद को सीमित कर लिया है. 2.1 फर्टिलिटी रेट को भारत की जनसंख्या के हिसाब से बेहतर फर्टिलिटी रेट बताया जा रहा है. इससे भारत में न तो नौजवानों की कमी रहेगी और न ही बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों की तुलना में बढ़ेगी. जापान इसी समस्या से जूझ रहा है. वहां बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों से बहुत अधिक हो गई है.
सरकार क्या कर रही?
विश्व जनसंख्या दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या को काबू करने के लिए हाई फर्टिलिटी रेट वाले राज्यों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकेगा, जब भारत के लोग स्वस्थ रहें और यह तभी मुमकिन है जब परिवार छोटे हों.
1950 में भारत का टीएफआर 6.18 था, 1980 तक यह 4.6 आ गया. 2021 में टीएफआर 1.91 हो गया था. यह स्टेबल जनसंख्या के लिहाज से नीचे था. एक अध्ययन में हाल ही में कहा गया कि भारत की टीएफआर 2050 तक 1.29 हो सकती है.
ये हैं ज्यादा प्रजनन वाले राज्य
बिहार में प्रजनन दर 3 है. मेघालय में 2.9, उत्तर प्रदेश में 2.4, झारखंड में 2.3 और मणिपुर में 2.2 है.
ये हैं कम प्रजनन वाले राज्य
सिक्किम में प्रजनन दर 1.1 है. गोवा में 1.35, लद्दाख में 1.35, लक्षद्वीप में 1.38 और चंडीगढ़ में 1.39 है.
संयुक्त राष्ट्र का दावा
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 अरब तक पहुंच जाने का अनुमान है और इसके बाद इसमें 12 प्रतिशत की कमी आएगी, लेकिन इसके बावजूद यह पूरी शताब्दी के दौरान विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 50-60 वर्षों के दौरान दुनिया की जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है और 2024 में यह 8.2 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि 2080 के दशक के मध्य तक लगभग दुनिया की आबादी लगभग 10.3 अरब हो जाएगी. हालांकि, चरम स्थिति पर पहुंचने के बाद वैश्विक जनसंख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने का अनुमान है और यह सदी के अंत तक घटकर 10.2 अरब रह जाएगी. भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया था और 2100 तक यह उसी स्थान पर बना रहेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जनसंख्या विशेषज्ञ मनु गौड़ ने कहा कि यह बहुत विचित्र स्थिति है. 1952 में सबसे पहले भारत ने परिवार नियोजन की प्लानिंग की थी और आज दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जनसंख्या के मामले में यह हमारी अब तक की सरकारों की नाकामी को दर्शाता है. भारत सरकार को जल्द से जल्द इस पर एक नीति बनाने की जरूरत है. ये जो अभी आंकड़े हैं, वे सैंपल के हैं, हमारे असली आंकड़े 2011 के हैं. इसके बाद जनगणना नहीं हुई है. यह भी जल्द कराने की आवश्यकता है.
पाकिस्तान का क्या होगा?
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि अगले 30 वर्षों में पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. पाकिस्तान की वर्तमान जनसंख्या 251 मिलियन से बढ़कर 2054 में 389 मिलियन हो जाएगी. पाकिस्तान की जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और इंडोनेशिया से आगे निकल जाएगी. तब भारत की जनसंख्या 1.69 अरब और चीन की 1.21 अरब होने का अनुमान है.
असल में शिक्षा का अभाव ही जनसंख्या वृद्धि का मुख्या कारण। अगर हर वर्ग शिक्षित नहीं होता है तो वो लोग परिवार नियोजन के तरीकों और उनके फायदों के बारे में जागरूक नहीं हो पाते। पर ऐसा नहीं है की सरकार इस विषय में कुछ नहीं कर रही है। सर्कार ने कई कदम उठाये है जैसे की प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाया है। पर हर इंसान को खुद भी समझना होगा।
उपरोक्त दिए गए पांच राज्यों के अलावा महाराष्ट्र को अगर ढूंढ ले तो भारत की लगभग आधी आबादी इन्हीं राज्यों में रहती है इसका प्रमुख कारण यह है कि 1980 तक उच्च जन्म दर और लगातार कम होने वाली मृत्यु दर की वजह से जन्म दर और मृत्यु दर में काफ़ी अंतर आ गया. इससे जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ गई. और दुसरा कारण परिवार नियोजन के बारे में लोगों में जागरूकता का अभाव है।
manish.bryan wrote: Wed Aug 07, 2024 10:26 am
ज्यादा प्रजनन दर वाले राज्य अधिकतम गरीब राज्य ही है और अशिक्षित लोगो की यहाँ अधिकता है जो की एक दूसरा कारण है की यहाँ प्रजनन दर बाकी के मुकाबले अधिक है| इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को एकजुट स्कीम चलानी चाहिए जिससे कम बच्चे पैदा करने पर उन्हें कुछ अधिक सुविधाए मिले और गरीब तबका इसे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार लेगा मेरा जहा तक मानना है|
क्यों गरीब लोग ही इसकी जिम्मेदार नहीं है इसके अलावा पढ़े-लिखे लोग भी जो कि कई समुदाय के होते हैं और अपनी जनसंख्या बढ़ाने की तरफ ज्यादा जोर देते हैं मूवी इसके लिए बहुत बड़ी जिम्मेदार है कई समुदाय शिक्षित होने के बावजूद भी यह नहीं समझ पाती है कि ज्यादा बच्चे उत्पन्न करने से उनके घरों में भी आरती परेशानी का सामना करना पड़ेगा और अमीर और शिक्षित होते हुए भी वे कहीं ना कहीं से समाज में अपनी इस धारणा से की ज्यादा बच्चे ऊपर वाली की देन है यह लोग भी जनसंख्या में वृद्धि करके प्रॉब्लम बढ़ा रहे हैं|
भारत में ज्यादा जनजाति का मुख्य कारण है अशिक्षित जल्दी शादी हो जाना और सरकार की जनसंख्या को काबू करने की नीतियों में ढीलापन होना भारत में ज्यादा भारत में ज्यादा जनसंख्या वाले सिर्फ गरीब प्रदेश ही हैं जैसे कि बिहार झारखंड और छत्तीसगढ़ और अन्य प्रदेश यहां मुख्य कारण है लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना एंप्लॉयमेंट रेट कम होना और वहां की पुरानी ख्याल तो और रीति रिवाज का ज्यादा प्रभाव
संतुलन प्रकृति का नियम है यदि संतुलन बिगड़ता है चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों ना हो तब समस्याएं उत्पन्न होती है। जैसे जनसंख्या नियंत्रण एक समस्या बन चुकी है।