लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण से पता चलता है कि यदि लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो भारत में 75% UPI उपयोगकर्ता प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करना बंद कर सकते हैं। UPI अब लगभग 10 में से 4 उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान का पसंदीदा तरीका है। इसके उपयोग में आसानी और व्यापक उपलब्धता ने इसे भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान विधियों में से एक बना दिया है।
UPI भुगतान पर किसी भी लेनदेन शुल्क की शुरूआत से बड़ी रुकावटें पैदा हो सकती हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 22 प्रतिशत उपयोगकर्ता UPI लेनदेन पर शुल्क स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। अधिकांश उपयोगकर्ताओं को डर है कि यदि व्यवसाय UPI पर शुल्क देना शुरू करते हैं, तो ये लागतें क्रेडिट या डेबिट कार्ड भुगतान की तरह ही ग्राहकों पर डाल दी जाएँगी।
UPI लेनदेन पर शुल्क लगाने के किसी भी निर्णय से इसकी वर्तमान लोकप्रियता के बावजूद इसके उपयोग में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है।
यदि UPI लेनदेन के लिए लेनदेन शुल्क लागू किया जाए तो क्या होगा?
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
Re: यदि UPI लेनदेन के लिए लेनदेन शुल्क लागू किया जाए तो क्या होगा?
नया भारत, करों और शुल्कों को नए तरीके से एकत्रित करने की राह पर है...





Realrider wrote: Mon Sep 23, 2024 10:22 am लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण से पता चलता है कि यदि लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो भारत में 75% UPI उपयोगकर्ता प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करना बंद कर सकते हैं। UPI अब लगभग 10 में से 4 उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान का पसंदीदा तरीका है। इसके उपयोग में आसानी और व्यापक उपलब्धता ने इसे भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान विधियों में से एक बना दिया है।
UPI भुगतान पर किसी भी लेनदेन शुल्क की शुरूआत से बड़ी रुकावटें पैदा हो सकती हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 22 प्रतिशत उपयोगकर्ता UPI लेनदेन पर शुल्क स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। अधिकांश उपयोगकर्ताओं को डर है कि यदि व्यवसाय UPI पर शुल्क देना शुरू करते हैं, तो ये लागतें क्रेडिट या डेबिट कार्ड भुगतान की तरह ही ग्राहकों पर डाल दी जाएँगी।
UPI लेनदेन पर शुल्क लगाने के किसी भी निर्णय से इसकी वर्तमान लोकप्रियता के बावजूद इसके उपयोग में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है।
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
- Posts: 942
- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
Re: यदि UPI लेनदेन के लिए लेनदेन शुल्क लागू किया जाए तो क्या होगा?
यूपीआई पेमेंट करना एक सहज और आसान माध्यम है जो आम जनमानस के बीच में अब बहुत ही प्रचलित हो चुकी है जिसे वापस लेना किसी के लिए भी असंभव है।
यूपीआई पेमेंट से भारत सरकार को भी नोट छपाई और नोटों के माध्यम से होने वाली बहुत सारी समस्याओं कालाबाजारी आदि से भी छुटकारा मिल रहा है जिससे भारत का आर्थिक मापदंड सुदृढ़ हो रहा है।
गौर तलब है कि यूपीआई पेमेंट से भारत सरकार ने डिजिटल भारत के नाम से योजना चलाई थी उससे करीब 0.75% हर यूपीआई पेमेंट का भारत सरकार और उसे निजी संस्थान के बीच में बटवारा होता है जिसे पेटीएम ने शुरू-शुरू में आम जनता को देना शुरू किया था।
मैंने ऐसा समाचार में पढ़ा था और यह वास्तविक रूप से यह सही है या गलत इसकी पुष्टि मैं नहीं कर सकता लेकिन निश्चित तौर पर जो कंपनियां यूपीआई पेमेंट का अवसर हमें दे रही हैं उन्हें किसी न किसी रूप से तो फायदा अवश्य हो रहा होगा।
अगर आप गूगल पर या भारत पर आदि से करते हैं पेमेंट तो आपको पता होगा कि कुछ ना कुछ कैशबैक आपको थोड़े बहुत यूपीआई पेमेंट करने के बाद उपलब्ध हो जाते हैं जिस किसी भी तरह से यूपीआई पेमेंट का अधिकार देने वाली कंपनियां अपने जेब से तो नहीं करती होगी।
यूपीआई पेमेंट से भारत सरकार को भी नोट छपाई और नोटों के माध्यम से होने वाली बहुत सारी समस्याओं कालाबाजारी आदि से भी छुटकारा मिल रहा है जिससे भारत का आर्थिक मापदंड सुदृढ़ हो रहा है।
गौर तलब है कि यूपीआई पेमेंट से भारत सरकार ने डिजिटल भारत के नाम से योजना चलाई थी उससे करीब 0.75% हर यूपीआई पेमेंट का भारत सरकार और उसे निजी संस्थान के बीच में बटवारा होता है जिसे पेटीएम ने शुरू-शुरू में आम जनता को देना शुरू किया था।
मैंने ऐसा समाचार में पढ़ा था और यह वास्तविक रूप से यह सही है या गलत इसकी पुष्टि मैं नहीं कर सकता लेकिन निश्चित तौर पर जो कंपनियां यूपीआई पेमेंट का अवसर हमें दे रही हैं उन्हें किसी न किसी रूप से तो फायदा अवश्य हो रहा होगा।
अगर आप गूगल पर या भारत पर आदि से करते हैं पेमेंट तो आपको पता होगा कि कुछ ना कुछ कैशबैक आपको थोड़े बहुत यूपीआई पेमेंट करने के बाद उपलब्ध हो जाते हैं जिस किसी भी तरह से यूपीआई पेमेंट का अधिकार देने वाली कंपनियां अपने जेब से तो नहीं करती होगी।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"