Source: https://www.india.com/hindi-news/career ... l-7157024/Noida School Controversy: नोएडा के एक निजी स्कूल ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों के टिफिन में मांसाहारी भोजन न रखें, जिससे विवाद खड़ा हो गया. स्कूल ने यह फैसला छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया, लेकिन अभिभावकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही. 7 अगस्त को, दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) सेक्टर 132 ने व्हाट्सएप पर एक सर्कुलर जारी किया. इस सर्कुलर में कहा गया कि छात्रों को अपने लंच बॉक्स में मांसाहारी भोजन नहीं लाना चाहिए. स्कूल का तर्क था कि चूंकि दोपहर का भोजन सुबह पकाया जाता है, इसलिए मांसाहारी भोजन खराब हो सकता है और स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकता है.
अभिभावकों ने जताई नाराजगी
कुछ अभिभावकों ने स्कूल के इस सर्कुलर का समर्थन किया और कहा कि मांसाहारी भोजन के पास बैठने पर उनके बच्चों को असहजता महसूस होती है. उन्होंने शाकाहारी भोजन को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी बताया. वहीं, कई अभिभावकों ने इस कदम की आलोचना की और कहा कि स्कूल को उनके बच्चों की भोजन संबंधी पसंद में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. गौतम बुद्ध नगर अभिभावक कल्याण संघ के सदस्य मनोज कटारिया ने सर्कुलर की आलोचना की और कहा कि हर बच्चे को अपनी पसंद का भोजन खाने का अधिकार है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई शाकाहारी खाद्य पदार्थ भी लंबे समय तक टिफिन में रखने पर खराब हो सकते हैं.
विवाद के बीच स्कूल ने क्या कहा?
स्कूल ने स्पष्ट किया कि यह कोई प्रतिबंध नहीं है बल्कि एक निवेदन है. उन्होंने कहा कि वे छात्रों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देते हैं और एक समावेशी वातावरण बनाए रखना चाहते हैं. सर्कुलर में कहा गया है, “हम शाकाहारी भोजन के माहौल को बनाए रखकर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी छात्र अपनी आहार संबंधी प्राथमिकताओं के बावजूद एक साथ भोजन करते समय सम्मानित और सहज महसूस करें.”
टिफिन में नॉनवेज नहीं..; नोएडा के स्कूल की ओर से जारी सर्कुलर के बाद बढ़ा विवाद
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