Conversation between bankers

मौज, मस्ती, चिल मारो (मर्यादित)

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पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Conversation between bankers

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बैंक मैनेजर: "अरे, सुनील! तुम बहुत ही व्यस्त लग रहे हो आजकल।"

सुनील: "हाँ सर, बैंक के काम में ही इतना व्यस्त हूँ कि घर भी समय से लौटता हूँ।"

बैंक क्लर्क: "अरे, व्यस्त होने की बात छोड़ो! आजकल क्लाइंट्स की मांग भी अजीब हो गई है।"

सुनील: "सही कहा! कल एक क्लाइंट आया और बोला, 'मुझे ऐसी सेविंग्स अकाउंट चाहिए, जो मेरे सारे सपनों को पूरा कर दे!'"

बैंक मैनेजर: "फिर तुमने क्या कहा?"

सुनील: "मैंने कहा, 'आपको एक ऐसा अकाउंट चाहिए, जो सपनों की दुनिया में जाए! यहाँ तो हमें खुद अपने ख्वाबों की सैलरी भी नहीं मिलती!'"

बैंक क्लर्क: "और आज एक ग्राहक आया, पूछ रहा था, 'मुझे लोन चाहिए, लेकिन बिना ब्याज के!'"

बैंक मैनेजर: "फिर?"

बैंक क्लर्क: "मैंने कहा, 'भाई, हमें तो सपने देखने की अनुमति है, लेकिन लोन पर ब्याज माफ करने की नहीं!'"

सुनील: "सही बात है! बैंकों की दुनिया में सपने भी कभी कभी चेक की तरह बाउंस हो जाते हैं!"

बैंक मैनेजर: "बिलकुल! लेकिन हमें अपने काम को इसी तरह हंसते-मुस्कराते ही करना चाहिए, नहीं तो काम भी भारी हो जाता है!"

बैंक क्लर्क: "सही कहा! चलो, अब हमें और सपनों को चेक में बदलने का काम शुरू करना चाहिए!"
Bhaskar.Rajni
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Conversation between bankers

Post by Bhaskar.Rajni »

काश ऐसा हो जाए! सपने पूरे करने के लिए बैंक लोन भी दे दे और बिना ब्याज पर भी दे दे और तुरंत तुरंत हाथ में चेक भी थमा दे सपने पूरे करने का चेक।
ख्वाब हकीकत में बदले तो कैसा लगे....! स्वप्न मई में दुनिया बादलों जैसी क्यों होती है हकीकतों से टकराकर क्यों टूट जाती है? क्यों सपने पूरे करने का कोई व्यक्ति बैंक नहीं होता और क्यों सपने पूरे होने से पहले उम्र बीत जाती है? 😥
Deepika sharma
शतकवीर ..….. संपूर्ण!!!
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Re: Conversation between bankers

Post by Deepika sharma »

बैंकर और ग्राहक के बीच का संबंध देनदार और लेनदार का होता है. जब कोई ग्राहक बैंक में खाता खोलता है, तो वह बैंक का लेनदार बन जाता है और बैंक देनदार बन जाता है. हालांकि, जब कोई ग्राहक बैंक से पैसे उधार लेता है, तो वह बैंक के पैसे का मालिक होता है और बैंकर लेनदार होता है.
Deepika sharma
शतकवीर ..….. संपूर्ण!!!
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Re: Conversation between bankers

Post by Deepika sharma »

आज पूरी दुनिया में बैंक को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। बैंक से ही अर्थव्यवस्था का विकास होता है। बैंकर और ग्राहक के बीच का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। अगर बैंक प्रणाली नहीं होती तो संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था हिल जाती। बैंकिंग प्रणाली से ग्राहक अलग-अलग प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सबसे पहले ग्राहक बैंक के साथ एक खाता खोलता है तब वह एक फॉर्म भरता है।
Sarita
अबकी बार, 500 पार?
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Re: Conversation between bankers

Post by Sarita »

हेलो सर व्हाट यू वांट आई वांट टू अप्लाई फॉर लोन वेयर आर यू स्टडाइंग नो आई एम स्टडाइंग इन गवर्नमेंट इंजीनियर कॉलेज व्हाट ब्रांच हैवी शूज आई हैव टू चूस आई नीड तो लॉन्ग का 80 लक ओके सर आई विल गिव यू 60 लख ओनली बिकॉज एक्चुअली एस आई वांट टू मीट योर फादर फर्स्ट थें ई विल गिव यू 80 लाख ओथेरवाइज ई विल गिव यू 60 लाख
johny888
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: Conversation between bankers

Post by johny888 »

Bhaskar.Rajni wrote: Thu Dec 05, 2024 3:04 pm काश ऐसा हो जाए! सपने पूरे करने के लिए बैंक लोन भी दे दे और बिना ब्याज पर भी दे दे और तुरंत तुरंत हाथ में चेक भी थमा दे सपने पूरे करने का चेक।
ख्वाब हकीकत में बदले तो कैसा लगे....! स्वप्न मई में दुनिया बादलों जैसी क्यों होती है हकीकतों से टकराकर क्यों टूट जाती है? क्यों सपने पूरे करने का कोई व्यक्ति बैंक नहीं होता और क्यों सपने पूरे होने से पहले उम्र बीत जाती है? 😥
काश वाकई कोई ऐसा बैंक होता जो बिना ब्याज के सपनों का लोन देता और सीधे हाथ में चेक पकड़ाता। लेकिन यार, यही तो फर्क है ख्वाब और हकीकत में। ख्वाब बादलों जैसे होते हैं, हल्के, खूबसूरत, लेकिन छूने जाओ तो हाथ कुछ नहीं आता। और हकीकत तो सीधी धरती से टकराती है।
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