बैंक मैनेजर: "अरे, सुनील! तुम बहुत ही व्यस्त लग रहे हो आजकल।"
सुनील: "हाँ सर, बैंक के काम में ही इतना व्यस्त हूँ कि घर भी समय से लौटता हूँ।"
बैंक क्लर्क: "अरे, व्यस्त होने की बात छोड़ो! आजकल क्लाइंट्स की मांग भी अजीब हो गई है।"
सुनील: "सही कहा! कल एक क्लाइंट आया और बोला, 'मुझे ऐसी सेविंग्स अकाउंट चाहिए, जो मेरे सारे सपनों को पूरा कर दे!'"
बैंक मैनेजर: "फिर तुमने क्या कहा?"
सुनील: "मैंने कहा, 'आपको एक ऐसा अकाउंट चाहिए, जो सपनों की दुनिया में जाए! यहाँ तो हमें खुद अपने ख्वाबों की सैलरी भी नहीं मिलती!'"
बैंक क्लर्क: "और आज एक ग्राहक आया, पूछ रहा था, 'मुझे लोन चाहिए, लेकिन बिना ब्याज के!'"
बैंक मैनेजर: "फिर?"
बैंक क्लर्क: "मैंने कहा, 'भाई, हमें तो सपने देखने की अनुमति है, लेकिन लोन पर ब्याज माफ करने की नहीं!'"
सुनील: "सही बात है! बैंकों की दुनिया में सपने भी कभी कभी चेक की तरह बाउंस हो जाते हैं!"
बैंक मैनेजर: "बिलकुल! लेकिन हमें अपने काम को इसी तरह हंसते-मुस्कराते ही करना चाहिए, नहीं तो काम भी भारी हो जाता है!"
बैंक क्लर्क: "सही कहा! चलो, अब हमें और सपनों को चेक में बदलने का काम शुरू करना चाहिए!"
Conversation between bankers
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Re: Conversation between bankers
काश ऐसा हो जाए! सपने पूरे करने के लिए बैंक लोन भी दे दे और बिना ब्याज पर भी दे दे और तुरंत तुरंत हाथ में चेक भी थमा दे सपने पूरे करने का चेक।
ख्वाब हकीकत में बदले तो कैसा लगे....! स्वप्न मई में दुनिया बादलों जैसी क्यों होती है हकीकतों से टकराकर क्यों टूट जाती है? क्यों सपने पूरे करने का कोई व्यक्ति बैंक नहीं होता और क्यों सपने पूरे होने से पहले उम्र बीत जाती है?
ख्वाब हकीकत में बदले तो कैसा लगे....! स्वप्न मई में दुनिया बादलों जैसी क्यों होती है हकीकतों से टकराकर क्यों टूट जाती है? क्यों सपने पूरे करने का कोई व्यक्ति बैंक नहीं होता और क्यों सपने पूरे होने से पहले उम्र बीत जाती है?
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Re: Conversation between bankers
बैंकर और ग्राहक के बीच का संबंध देनदार और लेनदार का होता है. जब कोई ग्राहक बैंक में खाता खोलता है, तो वह बैंक का लेनदार बन जाता है और बैंक देनदार बन जाता है. हालांकि, जब कोई ग्राहक बैंक से पैसे उधार लेता है, तो वह बैंक के पैसे का मालिक होता है और बैंकर लेनदार होता है.
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Re: Conversation between bankers
आज पूरी दुनिया में बैंक को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। बैंक से ही अर्थव्यवस्था का विकास होता है। बैंकर और ग्राहक के बीच का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। अगर बैंक प्रणाली नहीं होती तो संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था हिल जाती। बैंकिंग प्रणाली से ग्राहक अलग-अलग प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सबसे पहले ग्राहक बैंक के साथ एक खाता खोलता है तब वह एक फॉर्म भरता है।
Re: Conversation between bankers
हेलो सर व्हाट यू वांट आई वांट टू अप्लाई फॉर लोन वेयर आर यू स्टडाइंग नो आई एम स्टडाइंग इन गवर्नमेंट इंजीनियर कॉलेज व्हाट ब्रांच हैवी शूज आई हैव टू चूस आई नीड तो लॉन्ग का 80 लक ओके सर आई विल गिव यू 60 लख ओनली बिकॉज एक्चुअली एस आई वांट टू मीट योर फादर फर्स्ट थें ई विल गिव यू 80 लाख ओथेरवाइज ई विल गिव यू 60 लाख
Re: Conversation between bankers
काश वाकई कोई ऐसा बैंक होता जो बिना ब्याज के सपनों का लोन देता और सीधे हाथ में चेक पकड़ाता। लेकिन यार, यही तो फर्क है ख्वाब और हकीकत में। ख्वाब बादलों जैसे होते हैं, हल्के, खूबसूरत, लेकिन छूने जाओ तो हाथ कुछ नहीं आता। और हकीकत तो सीधी धरती से टकराती है।Bhaskar.Rajni wrote: Thu Dec 05, 2024 3:04 pm काश ऐसा हो जाए! सपने पूरे करने के लिए बैंक लोन भी दे दे और बिना ब्याज पर भी दे दे और तुरंत तुरंत हाथ में चेक भी थमा दे सपने पूरे करने का चेक।
ख्वाब हकीकत में बदले तो कैसा लगे....! स्वप्न मई में दुनिया बादलों जैसी क्यों होती है हकीकतों से टकराकर क्यों टूट जाती है? क्यों सपने पूरे करने का कोई व्यक्ति बैंक नहीं होता और क्यों सपने पूरे होने से पहले उम्र बीत जाती है?![]()