Unforgettable Childhood

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Kunwar ripudaman
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Re: Unforgettable Childhood

Post by Kunwar ripudaman »

बचपन में जब कोई डांटता था तो मां के आंचल में जाकर छुप जाते थे. बचपन में मां की लोरियां सुनकर नींद आ जाती थी लेकिन अब वह सुकून भरी नींद नसीब नहीं होती है. बचपन के वो सुनहरे दिन जब हम खेलते रहते थे तो पता ही नहीं चलता कब दिन होता और कब रात हो जाती थी.
बचपन में किसी के बाग में जाकर फल और बैर तोड़ जाते थे तब वहां का माली पीछे भागता था वह दिन किसको याद नहीं आते. शायद इसीलिए बचपन जीवन का सबसे अनमोल पल है.

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Kunwar ripudaman
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Re: Unforgettable Childhood

Post by Kunwar ripudaman »

बचपन हमारे जीवन का पहला चरण है और आराम करने, खेलने और जीवन का आनंद लेने का समय है। बचपन की यादें अविस्मरणीय होती हैं और हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग होती हैं। जब हम अपने बचपन के बारे में बात करते हैं तो हमें हमेशा खुशी होती है। इन यादों को कभी नहीं भुलाया जा सकता, क्योंकि ये हमारे जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा हैं। यह वह समय था जब हम बिना किसी तनाव और डर के अपना जीवन जीते थे। जब भी हमारे बचपन की यादों की चर्चा होती है, तो हमारे माता-पिता हमसे ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं। उन्हें हमारे साथ बचपन की यादें साझा करना अच्छा लगता है। हमारे बचपन की यादों का सबसे बेहतरीन हिस्सा अपने दोस्तों के साथ समय बिताना है। हम अपने बचपन और बार-बार की कहानियों को सुनकर कभी नहीं थकते।
Sarita
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Re: Unforgettable Childhood

Post by Sarita »

चाइल्डहुड एक ऐसी चीज है जिसको हम नहीं भूल सकते मतलब इतनी अच्छी-अच्छी मेमोरी होती है इतने मजेदार दोस्तों के साथ स्कूल जाते हैं उसके बाद गेम खेलते हैं वह सारे पढ़ाई करते हैं साथ में ट्यूशन जाते हैं आइसक्रीम खाते हैं गर्मियों में आंख में बैठते हैं मतलब बहुत अच्छी मेमोरी
johny888
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Re: Unforgettable Childhood

Post by johny888 »

Bhaskar.Rajni wrote: Fri Dec 06, 2024 5:17 pm
Kunwar ripudaman wrote: Fri Dec 06, 2024 4:08 pm वो चाचा का प्यार, वो मामा का दुलार, और वो कम रोटियों में भी संतुष्ट-संपन्न परिवार !
वो रविवार शाम चार बजे की दूरदर्शन की पिक्चर, वो ब्लैक & व्हाइट टीवी पे इस्तेहार !
वो मामी के घर नास्ता, वो चाची का डिनर, उस प्यार में बहुत सुकून पाता हूँ !
याद आता है वो पुराना वक्त, तो उस याद में खो जाता हूँ !
बचपन में तो हर कोई स्पाइडरमैन होता है। घर में दरवाजों पर लटकना, खिड़कियों पर चढ़ना, ये तो खेल हुआ करता था।रंग बिरंगी कैंडी के सामने अच्छी-अच्छी मिठाई फेल हो जाती है। ये जितनी खूबसूरत दिखने में लगती थी, उससे ज्यादा मजा खाने में आता था।उन दिनों में स्कूल ध्वस्त होता ही दिखाई देता था। उन दिनों 'सबसे बड़ा दुश्मन' भी तो यही होता था।
क्या बात है यार, दिल छू लेने वाली लाइनें हैं! सच में, बचपन के वो दिन किसी खजाने से कम नहीं थे। कम साधन, लेकिन दिल से भरपूर खुशियाँ। उस समय की बात ही कुछ और थी — रिश्तों में अपनापन था, और छोटी-छोटी चीज़ों में भी बड़ी खुशी मिलती थी।
johny888
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Re: Unforgettable Childhood

Post by johny888 »

Kunwar ripudaman wrote: Sat Dec 07, 2024 10:21 am बचपन में जब कोई डांटता था तो मां के आंचल में जाकर छुप जाते थे. बचपन में मां की लोरियां सुनकर नींद आ जाती थी लेकिन अब वह सुकून भरी नींद नसीब नहीं होती है. बचपन के वो सुनहरे दिन जब हम खेलते रहते थे तो पता ही नहीं चलता कब दिन होता और कब रात हो जाती थी.
बचपन में किसी के बाग में जाकर फल और बैर तोड़ जाते थे तब वहां का माली पीछे भागता था वह दिन किसको याद नहीं आते. शायद इसीलिए बचपन जीवन का सबसे अनमोल पल है.
सच कहा यार, वो बचपन वाला सुकून अब बस यादों में रह गया है। अब तो नींद से पहले हज़ारों बातें दिमाग में चलती हैं और सुबह की टेंशन रात को ही शुरू हो जाती है। अब सब कुछ बदल गया है, लेकिन वो बचपन की यादें दिल के सबसे कोने में हमेशा चमकती रहेंगी। कितना भी आगे बढ़ जाओ, वो पुराने दिन हमेशा सबसे प्यारे रहेंगे।
johny888
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Re: Unforgettable Childhood

Post by johny888 »

Sarita wrote: Sat Dec 07, 2024 12:53 pm चाइल्डहुड एक ऐसी चीज है जिसको हम नहीं भूल सकते मतलब इतनी अच्छी-अच्छी मेमोरी होती है इतने मजेदार दोस्तों के साथ स्कूल जाते हैं उसके बाद गेम खेलते हैं वह सारे पढ़ाई करते हैं साथ में ट्यूशन जाते हैं आइसक्रीम खाते हैं गर्मियों में आंख में बैठते हैं मतलब बहुत अच्छी मेमोरी
बचपन तो सच में जिंदगी का सबसे खूबसूरत और बिंदास टाइम होता है। न कोई टेंशन, न कोई जिम्मेदारी… बस मस्ती ही मस्ती! स्कूल के बाद दोस्तों के साथ बाहर भाग जाना, गली में क्रिकेट खेलना। तब छोटी-छोटी चीज़ों में इतनी खुशी मिलती थी, जो अब बड़ी-बड़ी चीज़ों में भी नहीं मिलती।
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