Punjab सरकार ने एक साहसिक और सराहनीय कदम उठाया है। राज्य के सभी schools में अब Energy Drinks की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध (ban) लगा दिया गया है। यह फैसला minors के बीच बढ़ती dependency और addiction की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
Health Department की रिपोर्ट्स के अनुसार, कई students में लगातार Energy Drinks का सेवन उन्हें caffeine और sugar पर निर्भर बना रहा था, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा था। Punjab के Education Minister ने कहा कि यह कदम बच्चों को healthier lifestyle की ओर प्रेरित करने के लिए जरूरी था।
इस ban को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है और schools को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे campus में किसी भी तरह के soft drinks या energy-based beverages को promote या allow न करें।
Parents और health experts ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे “timely intervention” बताया है। Punjab सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है, ताकि हमारे बच्चों का बचपन addiction-free और safe रहे।
Punjab में स्कूलों में Energy Drinks पर बैन: बच्चों में Addiction रोकने के लिए बड़ा कदम
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Re: Punjab में स्कूलों में Energy Drinks पर बैन: बच्चों में Addiction रोकने के लिए बड़ा कदम
Energy drink ban के अलावा...
Punjab पहला राज्य था जिसने hookah bars और e-cigarettes को बैन किया था। अब मैंने energy drinks को भी बैन कर दिया है। ये पूरी तरह से उन schools में बैन हैं जहाँ 18 साल से कम उम्र के बच्चे पढ़ते हैं। इसके लिए World Health Organisation (WHO) की तरफ से भी निर्देश हैं।
मुझे समझ नहीं आता कि बाकी state governments इसे क्यों फॉलो नहीं कर रहे हैं...
Punjab पहला राज्य था जिसने hookah bars और e-cigarettes को बैन किया था। अब मैंने energy drinks को भी बैन कर दिया है। ये पूरी तरह से उन schools में बैन हैं जहाँ 18 साल से कम उम्र के बच्चे पढ़ते हैं। इसके लिए World Health Organisation (WHO) की तरफ से भी निर्देश हैं।
मुझे समझ नहीं आता कि बाकी state governments इसे क्यों फॉलो नहीं कर रहे हैं...
Re: Punjab में स्कूलों में Energy Drinks पर बैन: बच्चों में Addiction रोकने के लिए बड़ा कदम
पंजाब सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एक सराहनीय कदम उठाया है। Hookah bars, e-cigarettes और अब energy drinks पर बैन दिखाता है कि राज्य भविष्य की पीढ़ी को लेकर गंभीर है। WHO जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गाइडलाइन्स को अपनाना जिम्मेदारी का प्रतीक है। ये नीतियाँ न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक विकास के लिए भी ज़रूरी हैं।