हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 01.06.2025
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
viewtopic.php?t=4557
2. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
3. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
4. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
5. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 01.06.2025
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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3. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
4. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
5. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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- शतकवीर ..….. संपूर्ण!!!
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 40
बिछड़ना मुकद्दर था तो मिलते कैसे,
फूल सेहराओं में भला खिलते कैसे ,
बहुत चाहा मैने भुला दूं नाम उनका मगर,
ज़ालिम,मेरी रूह में बसे थे निकलते कैसे।
Post NO.- 40
बिछड़ना मुकद्दर था तो मिलते कैसे,
फूल सेहराओं में भला खिलते कैसे ,
बहुत चाहा मैने भुला दूं नाम उनका मगर,
ज़ालिम,मेरी रूह में बसे थे निकलते कैसे।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 41
तेरी दहलीज पर आने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
तुझको अपना हाल सुनाने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
मेरे दूर जाने पर जब,
एक आवाज भी ना दी तूने तो,
मेरा भी खामोश हो जाने को,
दिल तो बहुत करता है,
और तू मुझे छोड़ कर अब,
जब किसी और का हो ही गया है तो,
मेरा भी यार तुझ्से बिछड़ जाने को,
दिल तो बहुत करता है।
Post NO.- 41
तेरी दहलीज पर आने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
तुझको अपना हाल सुनाने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
मेरे दूर जाने पर जब,
एक आवाज भी ना दी तूने तो,
मेरा भी खामोश हो जाने को,
दिल तो बहुत करता है,
और तू मुझे छोड़ कर अब,
जब किसी और का हो ही गया है तो,
मेरा भी यार तुझ्से बिछड़ जाने को,
दिल तो बहुत करता है।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 42
रात मेरी सारी,
एक तेरे खयाल में गुजर गई,
जवाब-तलब किए खुद से,
और सवाल में गुजर गई,
सब कुछ देकर भी हम,
बस खाली हाथ ही रह गए,
और फिर उम्र मेरी सारी,
इस मलाल में गुजर गई ।
Post NO.- 42
रात मेरी सारी,
एक तेरे खयाल में गुजर गई,
जवाब-तलब किए खुद से,
और सवाल में गुजर गई,
सब कुछ देकर भी हम,
बस खाली हाथ ही रह गए,
और फिर उम्र मेरी सारी,
इस मलाल में गुजर गई ।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
User ID. : Ruchi Agarwal
Post no. : 29
शीर्षक : अत्यधिक भावुकता से बचे
अत्यधिक भावुकता दर्द बढ़ाती है
मन के सुख चैन को बेजार कर जाती है
सही गलत का भान नहीं हो पाता है
हर किसी का दर्द देखकर दिल बह जाता है
कभी कभी तो इस भाव का, फायदा उठाते है लोग
ये भावुकता बन जाती है जीवन का रोग
इस भाव को बदल पाना, है बड़ा दुष्कर
क्योंकि गहराइयों से जुड़ी होती है ,भावनाओं की जड़।
Post no. : 29
शीर्षक : अत्यधिक भावुकता से बचे
अत्यधिक भावुकता दर्द बढ़ाती है
मन के सुख चैन को बेजार कर जाती है
सही गलत का भान नहीं हो पाता है
हर किसी का दर्द देखकर दिल बह जाता है
कभी कभी तो इस भाव का, फायदा उठाते है लोग
ये भावुकता बन जाती है जीवन का रोग
इस भाव को बदल पाना, है बड़ा दुष्कर
क्योंकि गहराइयों से जुड़ी होती है ,भावनाओं की जड़।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
User ID: Ruchi Agarwal
Post no. : 30
शीर्षक: तपस्या
कर के जप तप घोर , भोलेनाथ को पाया
उनका सम्मान बचाने को ,खुद को ही गवाया
खुद को ही गवाया , अग्नि कुंड में समा गई
पति सम्मान सर्वोत्तम , सबको सिखा गई
हुए अंग अंग छिन्न , है फिर भी पूजी जाए
कठोर परीक्षा देकर , शिव अर्धांगिनी कहलाए ।
Post no. : 30
शीर्षक: तपस्या
कर के जप तप घोर , भोलेनाथ को पाया
उनका सम्मान बचाने को ,खुद को ही गवाया
खुद को ही गवाया , अग्नि कुंड में समा गई
पति सम्मान सर्वोत्तम , सबको सिखा गई
हुए अंग अंग छिन्न , है फिर भी पूजी जाए
कठोर परीक्षा देकर , शिव अर्धांगिनी कहलाए ।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 43
दिल के जज़्बात हर किसी को बताए नहीं जाते,
गर मिल जाए कोई खुद सा ही फिर छुपाए नहीं जाते,
हाल-ए-दिल बयां करना दोनों का फिर लाज़मी सा होता है,
ये दिल के रिश्ते हैं जनाब! एकतरफा निभाए नहीं जाते ।
Post NO.- 43
दिल के जज़्बात हर किसी को बताए नहीं जाते,
गर मिल जाए कोई खुद सा ही फिर छुपाए नहीं जाते,
हाल-ए-दिल बयां करना दोनों का फिर लाज़मी सा होता है,
ये दिल के रिश्ते हैं जनाब! एकतरफा निभाए नहीं जाते ।
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- शतकवीर ..….. संपूर्ण!!!
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 44
इश्क़ की गहराइयों से खूबसूरत क्या है,
मैं हूं,तुम हो,किसी और की जररूत क्या है,
तुम पर लुटा दिया मैंने खुद को इस कदर,
मेरा दिल क्या,जिस्म क्या और जान क्या है।
Post NO.- 44
इश्क़ की गहराइयों से खूबसूरत क्या है,
मैं हूं,तुम हो,किसी और की जररूत क्या है,
तुम पर लुटा दिया मैंने खुद को इस कदर,
मेरा दिल क्या,जिस्म क्या और जान क्या है।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 45
वो जो किया है मैंने,
उसका तो ये सिला ही नहीं,
शिकायतें कैसी यार,
मुझको तो अब गिला भी नहीं,
वो जिनको मयस्सर रहे हम,
हर धूप-छांव में ,
ज़रूरत-ए-वक्त पर मगर,
मुझको वो मिला ही नहीं।
Post NO.- 45
वो जो किया है मैंने,
उसका तो ये सिला ही नहीं,
शिकायतें कैसी यार,
मुझको तो अब गिला भी नहीं,
वो जिनको मयस्सर रहे हम,
हर धूप-छांव में ,
ज़रूरत-ए-वक्त पर मगर,
मुझको वो मिला ही नहीं।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 46
मेरे श्याम
श्याम-रंग में रंगकर खुद को,
श्याम से प्रीत लगाऊं,
जब-जब मुरली श्याम बजाए,
सुध-बुध मैं बिसराऊं,
भूल जगत के सारे बंधन,
श्याम नाम दोहराऊं,
बन कर फिर मैं राधा तेरी,
राधेश्याम कहाऊँ।
Post NO.- 46
मेरे श्याम
श्याम-रंग में रंगकर खुद को,
श्याम से प्रीत लगाऊं,
जब-जब मुरली श्याम बजाए,
सुध-बुध मैं बिसराऊं,
भूल जगत के सारे बंधन,
श्याम नाम दोहराऊं,
बन कर फिर मैं राधा तेरी,
राधेश्याम कहाऊँ।
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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Post NO.- 47
दोस्ती बेशकीमती तोहफ़ा है रब का,
इसका तो सौदा हो नहीं सकता,
निभाते हैं रिश्ता रह कर एक दूजे के दिल में,
इससे बढ़ कर कोई घरौंदा हो नहीं सकता ।
Post NO.- 47
दोस्ती बेशकीमती तोहफ़ा है रब का,
इसका तो सौदा हो नहीं सकता,
निभाते हैं रिश्ता रह कर एक दूजे के दिल में,
इससे बढ़ कर कोई घरौंदा हो नहीं सकता ।