प्रेमियों के लिए कविता by Ruchi Agarwal ( 4th post)25/01/25
जाने अनजाने एक रिश्ते ने
जीवन में प्रवेश किया
गहराई से जुड़ गया वो दिल से
ये मैंने महसूस किया ।
उसके प्रेम में कैद हुई मैं
ये नहीं झूठला सकती
दूरी बन गई एक सजा
पर उसे नहीं बतला सकती ।
चैन नहीं इक पल भी मन को
कैसे उसे बताऊं मैं
कितना तड़पे दिल मेरा उस बिन
ये कैसे दिखलाऊं मैं ।
नजदीक रहे जब भी वो मेरे
मन में आनंद भर जाता है
पल भर भी हो नहीं ,दूर नजर से
हरदम दिल ये चाहता है ।
उससे अपने दिल की चाहत
करना चाहती हूं इजहार
है दबा हुआ उस के लिए मन में
ना जाने कितना ही प्यार ।
कभी-कभी याद में उसके
इतना ज्यादा खोई मैं
तकिये को बाहों में जकड़कर
पल भर भी नहीं सोई में ।
तड़प उठी मैं प्रेम में उसके
उसे बताना चाहती हूं
कहीं मुझे ना गलत समझ ले
यह सोचकर, डर जाती हूं ।
जितना अभी मिल रहा है उससे
वह भी कहीं ना खो जाए
अनंत प्रेम को बयां करने की
कहीं सजा ना मिल जाए ।
वो मेरे प्रेम को ,समझे ना समझे
मौन रहना ही ,समझदारी है
उससे प्रेम , है खुशियां मेरी
यह भाव ही बड़ा सुखकारी है ।
प्रेमियों के लिए कविता
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