नई स्टडी ने Exoplanet K2-18b पर जीवन के संकेतों को दी चुनौती
Posted: Sun May 04, 2025 5:05 pm
महीने की शुरुआत में University of Cambridge के खगोलविदों द्वारा की गई एक रिपोर्ट ने सभी को उत्साहित कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने K2-18b नामक एक exoplanet पर जीवन के "सबसे ठोस प्रमाण" पाए हैं। यह दावा dimethyl sulphide (DMS) नामक गैस की खोज पर आधारित था, जो पृथ्वी के वातावरण में जैविक गतिविधियों से जुड़ी मानी जाती है। यह खोज James Webb Space Telescope (JWST) के ज़रिए की गई थी और यह संकेत देती थी कि यह ग्रह एक जलमय और जीवनयोग्य दुनिया हो सकती है।
लेकिन अब एक नई गहराई से की गई समीक्षा ने इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
K2-18b पर जीवन के दावों पर बढ़ता संदेह और अधिक डेटा की मांग
22 अप्रैल को प्रकाशित एक नई स्टडी में University of Oxford के Jake Taylor ने एक neutral statistical test लागू किया, जिसमें JWST के डेटा में कोई स्पष्ट molecular signature नहीं पाया गया—सिर्फ एक flat line मिली। यह दर्शाता है कि signal या तो बहुत कमजोर है या फिर शोर में दब गया है। Cambridge की पहली स्टडी में भी DMS का केवल three-sigma स्तर पर पता चला था, जो कि वैज्ञानिक मान्यता के लिए आवश्यक five-sigma स्तर से नीचे है।
कुछ आलोचकों ने यह भी कहा कि ethane जैसे supporting compounds की अनुपस्थिति और प्रयुक्त models शायद DMS के स्तर को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा रहे हैं।
Astrobiologists Eddie Schwieterman और Michaela Musilova ने भी कहा कि जीवन का प्रमाण सिद्ध करने के लिए वर्तमान साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं, और आवश्यक है कि कई स्वतंत्र टीम्स इस डेटा का विश्लेषण करें।
मामले को और जटिल बनाते हुए, नई रिसर्च यह दर्शाती है कि K2-18b अपने तारे के बहुत पास परिक्रमा करता है, जिससे वहां तरल पानी बने रहना मुश्किल हो सकता है – और संभवतः यह ग्रह habitable zone से बाहर हो सकता है।
साथ ही, हाल में एक ठंडी comet में भी DMS पाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गैस जीवन के बिना भी बन सकती है। हालांकि, मूल शोध के lead author Madhusudhan ने अपने निष्कर्षों का समर्थन किया है लेकिन Taylor के टेस्ट को बहुत साधारण और "irrelevant" बताया है।
अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि K2-18b के वातावरण में DMS की उपस्थिति की पुष्टि या खंडन, केवल अतिरिक्त ठोस और peer-reviewed रिसर्च से ही संभव है। यह बहस अभी जारी है – और यह दिखाती है कि विज्ञान निश्चितताओं से नहीं, बल्कि सवालों और सुधारों से आगे बढ़ता है।
लेकिन अब एक नई गहराई से की गई समीक्षा ने इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
K2-18b पर जीवन के दावों पर बढ़ता संदेह और अधिक डेटा की मांग
22 अप्रैल को प्रकाशित एक नई स्टडी में University of Oxford के Jake Taylor ने एक neutral statistical test लागू किया, जिसमें JWST के डेटा में कोई स्पष्ट molecular signature नहीं पाया गया—सिर्फ एक flat line मिली। यह दर्शाता है कि signal या तो बहुत कमजोर है या फिर शोर में दब गया है। Cambridge की पहली स्टडी में भी DMS का केवल three-sigma स्तर पर पता चला था, जो कि वैज्ञानिक मान्यता के लिए आवश्यक five-sigma स्तर से नीचे है।
कुछ आलोचकों ने यह भी कहा कि ethane जैसे supporting compounds की अनुपस्थिति और प्रयुक्त models शायद DMS के स्तर को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा रहे हैं।
Astrobiologists Eddie Schwieterman और Michaela Musilova ने भी कहा कि जीवन का प्रमाण सिद्ध करने के लिए वर्तमान साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं, और आवश्यक है कि कई स्वतंत्र टीम्स इस डेटा का विश्लेषण करें।
मामले को और जटिल बनाते हुए, नई रिसर्च यह दर्शाती है कि K2-18b अपने तारे के बहुत पास परिक्रमा करता है, जिससे वहां तरल पानी बने रहना मुश्किल हो सकता है – और संभवतः यह ग्रह habitable zone से बाहर हो सकता है।
साथ ही, हाल में एक ठंडी comet में भी DMS पाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गैस जीवन के बिना भी बन सकती है। हालांकि, मूल शोध के lead author Madhusudhan ने अपने निष्कर्षों का समर्थन किया है लेकिन Taylor के टेस्ट को बहुत साधारण और "irrelevant" बताया है।
अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि K2-18b के वातावरण में DMS की उपस्थिति की पुष्टि या खंडन, केवल अतिरिक्त ठोस और peer-reviewed रिसर्च से ही संभव है। यह बहस अभी जारी है – और यह दिखाती है कि विज्ञान निश्चितताओं से नहीं, बल्कि सवालों और सुधारों से आगे बढ़ता है।