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हाल ए जिंदगी

Posted: Fri Feb 28, 2025 12:27 pm
by aakanksha24
मेरा किरदार मोहताज नहीं है किसी के प्यार और साथ का , एक लम्बा अरसा लगा है पत्थर दिल बनने में ।
अब फर्क नही पड़ता कोई महफ़िल से जाए या मेरी जिंदगी से 😎

Re: हाल ए जिंदगी

Posted: Sat Mar 01, 2025 2:23 pm
by johny888
बहुत बढ़िया आकांशा जी आपके शब्द बताते है की आपने जीवन के उतार-चढ़ाव से खुद को इतना मजबूत बना लिया है कि अब किसी के साथ की जरूरत नहीं महसूस होती। यह आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण है, जो दर्शाता है कि किसी के चले जाने या महफिल छोड़ देने से जिंदगी नहीं रुकती।