भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन (electric penetration) FY30 तक 40% तक पहुंचने का अनुमान ह

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भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन (electric penetration) FY30 तक 40% तक पहुंचने का अनुमान ह

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केंद्र सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इलेक्ट्रिफिकेशन को सपोर्ट करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें PM e-Bus (इलेक्ट्रिक बसें) सेवा भी शामिल है।

वर्तमान में, व्यापक स्तर पर, अधिकांश क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन (electric penetration) कम एकल अंकों में है। FY24 में, e-buses में पेनेट्रेशन 7% था, e3Ws (इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन) में 9%, और e-LCVs (इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल वाहन) में नगण्य था।

हालांकि, ICRA का अनुमान है कि 2030 तक e3Ws का इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन में महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, जो 40% तक पहुंच जाएगा, इसके बाद e-buses (30%) और e-LCVs (12-16%) होंगे। इसके अतिरिक्त, e2Ws (इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन) और इलेक्ट्रिक कारों का पेनेट्रेशन क्रमशः 25% और 15% तक पहुंचने का अनुमान है।

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johny888
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Re: भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन (electric penetration) FY30 तक 40% तक पहुंचने का अनुम

Post by johny888 »

सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है, जिससे पर्यावरण की रक्षा होगी। यह कदम लंबे समय तक ऊर्जा बचाने और देश के विकास में मदद करेगा। ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलने से धुएं और प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे हवा साफ होगी और लोगों की सेहत पर अच्छा असर पड़ेगा।
Stayalive
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Re: भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में इलेक्ट्रिक पेनेट्रेशन (electric penetration) FY30 तक 40% तक पहुंचने का अनुम

Post by Stayalive »

Haan... Public transportation mein EV ko implement karne se humein kaafi faayde ho sakte hain...

Lekin, yeh kuch key challenges hain jo Indian government ko address karne chahiye EV ko public transportation mein adopt karne se pehle...

1. Charging infrastructure: Maujooda battery capacity aur charging times intercity travel ke liye limitations create karte hain.
2. Supply chain: Kai minerals jo EV manufacturing ke liye crucial hain, India mein ya toh milte nahi hain ya phir unka processing nahi hota.
3. Private sector engagement: Private bus operators ko subsidy framework mein include nahi kiya gaya hai.
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