मेरी ज़िंदगी
Posted: Tue Nov 12, 2024 9:14 am
मेरी ज़िंदगी, एक अजीब सी राह,
कभी हंसते हुए, कभी ग़म की चाह।
हर मोड़ पे मैंने खुद को पाया,
सपनों में खोकर फिर जगा।
कभी बिछड़ कर फिर मिल जाना,
कभी अपने ही रास्ते से भटक जाना।
हर दर्द को अपनी मुस्कान में छिपाना,
कभी टूट कर फिर से संजीवित हो जाना।
बिछड़े हुए लोग लौट कर आए,
कुछ लम्हे फिर से मेरी यादों में समाए।
हर आंसू में, एक नई उम्मीद बसी,
हर हार में फिर जीत की ख्वाहिश जगी।
कभी रातें लंबी और तनहा थीं,
कभी सुबहें मेरी राहों को रोशन करती थीं।
मेरी ज़िंदगी, एक किताब जैसे पन्ने,
हर मोड़ पर कुछ नया, कुछ पुराना सा।
बिना रुके, बिना थके चलते जाना,
यही तो है जीवन, यही है मेरा जाना।
मेरी ज़िंदगी, मेरे अपने रंगों से भरी,
जहां हर पल में कहानी कुछ और नई।
कभी यूं ही मुस्कुराना, कभी रो पड़ना,
यह भी मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है, सोचना।
जीवन है एक यात्रा, इसे जी भर के जीना,
जो भी हो, बस खुद को कभी न खोना।
कभी हंसते हुए, कभी ग़म की चाह।
हर मोड़ पे मैंने खुद को पाया,
सपनों में खोकर फिर जगा।
कभी बिछड़ कर फिर मिल जाना,
कभी अपने ही रास्ते से भटक जाना।
हर दर्द को अपनी मुस्कान में छिपाना,
कभी टूट कर फिर से संजीवित हो जाना।
बिछड़े हुए लोग लौट कर आए,
कुछ लम्हे फिर से मेरी यादों में समाए।
हर आंसू में, एक नई उम्मीद बसी,
हर हार में फिर जीत की ख्वाहिश जगी।
कभी रातें लंबी और तनहा थीं,
कभी सुबहें मेरी राहों को रोशन करती थीं।
मेरी ज़िंदगी, एक किताब जैसे पन्ने,
हर मोड़ पर कुछ नया, कुछ पुराना सा।
बिना रुके, बिना थके चलते जाना,
यही तो है जीवन, यही है मेरा जाना।
मेरी ज़िंदगी, मेरे अपने रंगों से भरी,
जहां हर पल में कहानी कुछ और नई।
कभी यूं ही मुस्कुराना, कभी रो पड़ना,
यह भी मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है, सोचना।
जीवन है एक यात्रा, इसे जी भर के जीना,
जो भी हो, बस खुद को कभी न खोना।