Page 1 of 1

Dreamers Dream................

Posted: Wed Nov 06, 2024 6:35 pm
by Realrider
Dreamers dream.jpg
Dreamers dream.jpg (31.11 KiB) Viewed 564 times
:mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen:

वास्तव में, यह सच है...

लोग अक्सर सोते समय या रात में अकेले होने पर केवल इंसानी भूतों का सपना देखते हैं या उनसे डरते हैं। लेकिन वे कभी किसी जानवर के भूत को लेकर चिंतित नहीं होते...

अगर भूत सच में होते, तो जानवरों के भूत भी होने चाहिए, है ना?

Re: Dreamers Dream................

Posted: Wed Nov 06, 2024 8:20 pm
by johny888
मैं भी काफी बार कोशिश करता हूँ जल्दी सोने की ताकि सुबह टाइम पर जाग सकू पर मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही है। लेते लेते कब तीन चार बज जाते है पता ही नहीं चलता। और रही जानवरो की भूत की बात तो जानवर अपने जंगली पैन पर आ जाए तो वो भी किसी भूत से काम नहीं होता।

Re: Dreamers Dream................

Posted: Thu Nov 07, 2024 9:19 am
by Warrior
Dinosaur.jpeg
Dinosaur.jpeg (5.95 KiB) Viewed 555 times
:lol: :lol: :lol: :lol: :lol:

अपने सवाल के लिए इस थ्रेड में कुछ अजीब जवाब देखें 👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼

https://www.reddit.com/r/AskReddit/comm ... ?rdt=48106

:D :D :D :D
Realrider wrote: Wed Nov 06, 2024 6:35 pm Dreamers dream.jpg

:mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen:

वास्तव में, यह सच है...

लोग अक्सर सोते समय या रात में अकेले होने पर केवल इंसानी भूतों का सपना देखते हैं या उनसे डरते हैं। लेकिन वे कभी किसी जानवर के भूत को लेकर चिंतित नहीं होते...

अगर भूत सच में होते, तो जानवरों के भूत भी होने चाहिए, है ना?

Re: Dreamers Dream................

Posted: Fri Nov 15, 2024 8:33 am
by Bhaskar.Rajni
अरे वह ऐसा होता है कि उन्होंने इंसानों को नजदीक से देखा होता है उनके कृत्यों को देखा हो सकता है कि वह किस किस तरह से डरा सकते हैं क्या-क्या रूप धारण कर लेते हैं तो इसीलिए उन्हें इंसानी भूत ही दिखाई देते हैं। सही भी है जानवर उसे स्तर तक नहीं गिर सकते जितना मनुष्य गिर जाता है। एक बार जब भूत दिमाग में आ जाए वह चाहे जानवर का हो या इंसान का फिर नींद तो नौ दो ग्यारह हो ही जाती है

Re: Dreamers Dream................

Posted: Fri Nov 15, 2024 1:39 pm
by manish.bryan
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:33 am अरे वह ऐसा होता है कि उन्होंने इंसानों को नजदीक से देखा होता है उनके कृत्यों को देखा हो सकता है कि वह किस किस तरह से डरा सकते हैं क्या-क्या रूप धारण कर लेते हैं तो इसीलिए उन्हें इंसानी भूत ही दिखाई देते हैं। सही भी है जानवर उसे स्तर तक नहीं गिर सकते जितना मनुष्य गिर जाता है। एक बार जब भूत दिमाग में आ जाए वह चाहे जानवर का हो या इंसान का फिर नींद तो नौ दो ग्यारह हो ही जाती है
रात को विलंब से सोने वालों को भूतों के सपने आना ऐसे विचार आना स्वाभाविक है क्योंकि राष्ट्र के बेला में नकारात्मक ऊर्जाएं प्रभावित हो जातीहैं। वही जानवरों की बात की जाए तो उनके छठी इंद्री जागृत होती है और वह इंसानों की तरह आत्माओं को भी बड़े आराम से देख कर पहचान सकती हैं।

भूत पिक्चर्स मनुष्य अपने विचारों से बनता है ऐसे में कभी कुत्ते के भूत या गधे की डायन ऐसा कोई विचार लता नहीं तो ऐसे जानवरों का कोई अस्तित्व नहीं होता है। यह सब मनगढ़ंत कहानी है।

Re: Dreamers Dream................

Posted: Fri Nov 15, 2024 2:19 pm
by Bhaskar.Rajni
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:39 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:33 am अरे वह ऐसा होता है कि उन्होंने इंसानों को नजदीक से देखा होता है उनके कृत्यों को देखा हो सकता है कि वह किस किस तरह से डरा सकते हैं क्या-क्या रूप धारण कर लेते हैं तो इसीलिए उन्हें इंसानी भूत ही दिखाई देते हैं। सही भी है जानवर उसे स्तर तक नहीं गिर सकते जितना मनुष्य गिर जाता है। एक बार जब भूत दिमाग में आ जाए वह चाहे जानवर का हो या इंसान का फिर नींद तो नौ दो ग्यारह हो ही जाती है
रात को विलंब से सोने वालों को भूतों के सपने आना ऐसे विचार आना स्वाभाविक है क्योंकि राष्ट्र के बेला में नकारात्मक ऊर्जाएं प्रभावित हो जातीहैं। वही जानवरों की बात की जाए तो उनके छठी इंद्री जागृत होती है और वह इंसानों की तरह आत्माओं को भी बड़े आराम से देख कर पहचान सकती हैं।

भूत पिक्चर्स मनुष्य अपने विचारों से बनता है ऐसे में कभी कुत्ते के भूत या गधे की डायन ऐसा कोई विचार लता नहीं तो ऐसे जानवरों का कोई अस्तित्व नहीं होता है। यह सब मनगढ़ंत कहानी है।
मनीष जी! यदि यह भूतों की कहानी और भूतों की बातें सब मनगढ़ंत है तो इन पर लोग इतना यकीन क्यों करते हैं और कितने ही बाबा ऐसे हुए जो यह दावा करते हैं कि मैं फलां व्यक्ति में से बहुत निकाल दिया फलां व्यक्ति में से डायन निकाल दी। वह तो सिर्फ इसी धंधे से अपना पेट पाल रहे हैं तो ऐसा कौन है जिसने इस अपवाह को इतना स्टूडेंट कर दिया लोगों के मानने की लोग मानने को ही तैयार नहीं कि भूत नहीं होते हैं। बताइए

Re: Dreamers Dream................

Posted: Fri Nov 15, 2024 3:18 pm
by manish.bryan
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:19 pm
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:39 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:33 am अरे वह ऐसा होता है कि उन्होंने इंसानों को नजदीक से देखा होता है उनके कृत्यों को देखा हो सकता है कि वह किस किस तरह से डरा सकते हैं क्या-क्या रूप धारण कर लेते हैं तो इसीलिए उन्हें इंसानी भूत ही दिखाई देते हैं। सही भी है जानवर उसे स्तर तक नहीं गिर सकते जितना मनुष्य गिर जाता है। एक बार जब भूत दिमाग में आ जाए वह चाहे जानवर का हो या इंसान का फिर नींद तो नौ दो ग्यारह हो ही जाती है
रात को विलंब से सोने वालों को भूतों के सपने आना ऐसे विचार आना स्वाभाविक है क्योंकि राष्ट्र के बेला में नकारात्मक ऊर्जाएं प्रभावित हो जातीहैं। वही जानवरों की बात की जाए तो उनके छठी इंद्री जागृत होती है और वह इंसानों की तरह आत्माओं को भी बड़े आराम से देख कर पहचान सकती हैं।

भूत पिक्चर्स मनुष्य अपने विचारों से बनता है ऐसे में कभी कुत्ते के भूत या गधे की डायन ऐसा कोई विचार लता नहीं तो ऐसे जानवरों का कोई अस्तित्व नहीं होता है। यह सब मनगढ़ंत कहानी है।
मनीष जी! यदि यह भूतों की कहानी और भूतों की बातें सब मनगढ़ंत है तो इन पर लोग इतना यकीन क्यों करते हैं और कितने ही बाबा ऐसे हुए जो यह दावा करते हैं कि मैं फलां व्यक्ति में से बहुत निकाल दिया फलां व्यक्ति में से डायन निकाल दी। वह तो सिर्फ इसी धंधे से अपना पेट पाल रहे हैं तो ऐसा कौन है जिसने इस अपवाह को इतना स्टूडेंट कर दिया लोगों के मानने की लोग मानने को ही तैयार नहीं कि भूत नहीं होते हैं। बताइए
जी रजनी जी भूतों की बात करना थोड़ा अच्छा नहीं लगता है क्योंकि आधुनिक जमाने में लोग इस पर बिल्कुल यकीन नहीं करते हैं लेकिन नेगेटिव एनर्जी भी इस ब्रह्मांड के कान-कान में विद्यमान है जैसे पॉजिटिव एनर्जी विद्यमान है।

और अगर भारत की बात की जाए तो बालाजी टेंपल पर जिस तरह से वहां लाइव टेलीकास्ट किया जाता है इसे साफ पता चलता है कि उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा डाली गई है।

Re: Dreamers Dream................

Posted: Mon Nov 18, 2024 9:03 pm
by Bhaskar.Rajni
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 3:18 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:19 pm
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:39 pm

रात को विलंब से सोने वालों को भूतों के सपने आना ऐसे विचार आना स्वाभाविक है क्योंकि राष्ट्र के बेला में नकारात्मक ऊर्जाएं प्रभावित हो जातीहैं। वही जानवरों की बात की जाए तो उनके छठी इंद्री जागृत होती है और वह इंसानों की तरह आत्माओं को भी बड़े आराम से देख कर पहचान सकती हैं।

भूत पिक्चर्स मनुष्य अपने विचारों से बनता है ऐसे में कभी कुत्ते के भूत या गधे की डायन ऐसा कोई विचार लता नहीं तो ऐसे जानवरों का कोई अस्तित्व नहीं होता है। यह सब मनगढ़ंत कहानी है।
मनीष जी! यदि यह भूतों की कहानी और भूतों की बातें सब मनगढ़ंत है तो इन पर लोग इतना यकीन क्यों करते हैं और कितने ही बाबा ऐसे हुए जो यह दावा करते हैं कि मैं फलां व्यक्ति में से बहुत निकाल दिया फलां व्यक्ति में से डायन निकाल दी। वह तो सिर्फ इसी धंधे से अपना पेट पाल रहे हैं तो ऐसा कौन है जिसने इस अपवाह को इतना स्टूडेंट कर दिया लोगों के मानने की लोग मानने को ही तैयार नहीं कि भूत नहीं होते हैं। बताइए
जी रजनी जी भूतों की बात करना थोड़ा अच्छा नहीं लगता है क्योंकि आधुनिक जमाने में लोग इस पर बिल्कुल यकीन नहीं करते हैं लेकिन नेगेटिव एनर्जी भी इस ब्रह्मांड के कान-कान में विद्यमान है जैसे पॉजिटिव एनर्जी विद्यमान है।

और अगर भारत की बात की जाए तो बालाजी टेंपल पर जिस तरह से वहां लाइव टेलीकास्ट किया जाता है इसे साफ पता चलता है कि उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा डाली गई है।
हां यह सही कहा आपने आजकल भूतों की जगह नेगेटिव एनर्जी शब्द का प्रयोग होने लगा है और भूतों को अंधविश्वास का देते हैं लेकिन नेगेटिव एनर्जी को अंधविश्वास नहीं कहा जाता यह पढ़े लिखे लोगों का और आधुनिक लोगों का नया ट्रेंड है वैसे भूत भी तो नेगेटिव एनर्जी ही होते हैं मुझे लगता है सब कुछ वही है बस नाम बदल गया है।

Re: Dreamers Dream................

Posted: Mon Nov 18, 2024 9:58 pm
by manish.bryan
Bhaskar.Rajni wrote: Mon Nov 18, 2024 9:03 pm
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 3:18 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:19 pm
मनीष जी! यदि यह भूतों की कहानी और भूतों की बातें सब मनगढ़ंत है तो इन पर लोग इतना यकीन क्यों करते हैं और कितने ही बाबा ऐसे हुए जो यह दावा करते हैं कि मैं फलां व्यक्ति में से बहुत निकाल दिया फलां व्यक्ति में से डायन निकाल दी। वह तो सिर्फ इसी धंधे से अपना पेट पाल रहे हैं तो ऐसा कौन है जिसने इस अपवाह को इतना स्टूडेंट कर दिया लोगों के मानने की लोग मानने को ही तैयार नहीं कि भूत नहीं होते हैं। बताइए
जी रजनी जी भूतों की बात करना थोड़ा अच्छा नहीं लगता है क्योंकि आधुनिक जमाने में लोग इस पर बिल्कुल यकीन नहीं करते हैं लेकिन नेगेटिव एनर्जी भी इस ब्रह्मांड के कान-कान में विद्यमान है जैसे पॉजिटिव एनर्जी विद्यमान है।

और अगर भारत की बात की जाए तो बालाजी टेंपल पर जिस तरह से वहां लाइव टेलीकास्ट किया जाता है इसे साफ पता चलता है कि उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा डाली गई है।
हां यह सही कहा आपने आजकल भूतों की जगह नेगेटिव एनर्जी शब्द का प्रयोग होने लगा है और भूतों को अंधविश्वास का देते हैं लेकिन नेगेटिव एनर्जी को अंधविश्वास नहीं कहा जाता यह पढ़े लिखे लोगों का और आधुनिक लोगों का नया ट्रेंड है वैसे भूत भी तो नेगेटिव एनर्जी ही होते हैं मुझे लगता है सब कुछ वही है बस नाम बदल गया है।
आत्माओं का स्वरूप ही भूत है जो वायु लोक में रहता है फिलहाल इस फार्म पर मेरे कहने का यह तात्पर्य था की भूतों को जिस तरह से दिखाया गया है बचपन में बच्चों को डराने के लिए फिर आगे मनोरंजन के लिए और वृद्धावस्था में फिर डरने के लिए तो यह उनका कुल वास्तविक निर्धारण नहीं करता है।

हां आत्माओं का सृजन होता रहता है उसके पीछे भी कुछ विशेष कारण होते हैं। लेकिन आप सही से देखें तो पश्चिमी सभ्यता में डोम्स दे यानी मरे हुए लोगों की संरचना को देखकर डराया डराया जाता है और हमारे पूरे एशिया पेसिफिक में आत्माएं जो दिख रही है नहीं दिख रही है जो अन्य शरीर में प्रवेश कर जा रही हैं उसे निश्चित करके हमें भाई का अवलोकन किया जाता है।