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Naps inbetween Work
Posted: Mon Oct 21, 2024 10:54 am
by Stayalive

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mujhe apane kaam par isakee jaroorat hai.
Re: Naps inbetween Work
Posted: Mon Oct 21, 2024 11:04 am
by Realrider
Re: Naps inbetween Work
Posted: Mon Oct 21, 2024 1:07 pm
by johny888
कई लोगों को लगता है कि दिन के दौरान थोड़ी झपकी लेने से उनकी उत्पादकता और सतर्कता में सुधार हो सकता है, दूसरों को लग सकता है कि यह उनके नींद के कार्यक्रम को बाधित करता है या उन्हें सुस्त महसूस कराता है। वैसे कहा जाता है एक छोटी झपकी थकान से लड़ने और आपके फोकस और एकाग्रता में सुधार करने में मदद कर सकती है। पर इस के विपरीत कुछ लोगों को झपकी लेने के बाद सुस्त या उन्मुख महसूस हो सकता है।
Re: Naps inbetween Work
Posted: Mon Oct 21, 2024 6:58 pm
by Stayalive
20 मिनट की झपकी हमारे लिए तरोताजा होने के लिए काफी है....
Re: Naps inbetween Work
Posted: Tue Oct 22, 2024 7:54 am
by manish.bryan
क्या भारत में सपना की भांति है लेकिन गूगल अपने पढ़ाई को ऐसी सुविधा कार्य दिवस में कार्य के घंटे में देता है।
मैंने एक पोस्ट में पढ़ा था की गूगल के एंप्लॉई को शक्ति हिदायत है कि वह अगर कर में महसूस कर रहे हैं तो आराम भी फरमा सकते हैं और ऐसे में गूगल के ऑफिस में ऐसी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं।
कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को अगर सुविधा देती है कर्मचारी निश्चित रूप से उसे कंपनी का ऋणी बन जाता है और वह निश्चित तौर से कंपनी के भलाई के लिए उपयुक्त सेवा भाव से जरूर कार्य करेगा हालांकि भारत के कर्मचारियों के लिए उपयुक्त नहीं है।
Re: Naps inbetween Work
Posted: Tue Oct 22, 2024 10:59 am
by Warrior
इन दिनों भारत में "KG students" को भी स्कूल में सोने की अनुमति नहीं है... "LOL"
Re: Naps inbetween Work
Posted: Thu Nov 21, 2024 9:49 pm
by Bhaskar.Rajni
नींद बहुत जरूरी है नींद तरोताजा कर देती है और जब काम का बहुत जबरदस्त है बोझ हो और बीच में थोड़ा सा आराम करने को मिल जाए एक झटके मिल जाए तो आगे का काम बहुत उत्साह और गर्मी के साथ किया जा सकता है क्योंकि शरीर और दिमाग दोनों ही चुस्त महसूस करते हैं एक अच्छी नींद के बाद नींद गहरी हो तो शरीर और ज्यादा हल्का हो जाता है लेकिन आजकल देखा जा रहा है कि तनाव की वजह से लोगों को नींद कम आती है और उन्हें सोने के लिए गोलियों का सहारा लेना पड़ता है। लोग नींद को टालते भी हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए जब भी नींद आए हल्का से झपकी ले ले तो शरीर ऊर्जा से भर जाता है।
Re: Naps inbetween Work
Posted: Thu Nov 21, 2024 9:57 pm
by Gaurav27i
मैप्स एक अंग्रेजी शब्द है जिसको की हिंदी में अगर जान तो मतलब यह निकलता है कि लगातार काम करते रहने के बाद 15 से 20 मिनट तक आंखों में दिमाग को आराम देने के लिए एक छोटी सी झपकी लेना लेने का कलर जापान में काफी कंपनियां अपना चुकी है वह देश-विदेश में इस कलर को कॉर्पोरेट सिस्टम में लाने की भी चर्चा होती है नाप लेने से यह पाया गया है कि कार्य करने की क्षमता वह प्रोडक्टिविटी हर एम्पलाई की बढ़ती है वह और खुशी और उत्साह के साथ काम करते हैं अब यह बात कितनी कंपनियां समझ पाएगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा
Re: Naps inbetween Work
Posted: Fri Jun 13, 2025 3:51 pm
by johny888
manish.bryan wrote: Tue Oct 22, 2024 7:54 am
क्या भारत में सपना की भांति है लेकिन गूगल अपने पढ़ाई को ऐसी सुविधा कार्य दिवस में कार्य के घंटे में देता है।
मैंने एक पोस्ट में पढ़ा था की गूगल के एंप्लॉई को शक्ति हिदायत है कि वह अगर कर में महसूस कर रहे हैं तो आराम भी फरमा सकते हैं और ऐसे में गूगल के ऑफिस में ऐसी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं।
कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को अगर सुविधा देती है कर्मचारी निश्चित रूप से उसे कंपनी का ऋणी बन जाता है और वह निश्चित तौर से कंपनी के भलाई के लिए उपयुक्त सेवा भाव से जरूर कार्य करेगा हालांकि भारत के कर्मचारियों के लिए उपयुक्त नहीं है।
सच में गूगल की वर्क कल्चर वाली बातें सुनकर लगता है जैसे कोई सपना देख रहे हों। जहां हम लंच ब्रेक के बाद कुर्सी से उठने की हिम्मत जुटा रहे होते हैं, वहीं गूगल वाले अगर थक जाएं तो आराम भी कर लेते हैं, वो भी ऑफिस के अंदर।
Re: Naps inbetween Work
Posted: Fri Jun 13, 2025 3:51 pm
by johny888
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 9:49 pm
नींद बहुत जरूरी है नींद तरोताजा कर देती है और जब काम का बहुत जबरदस्त है बोझ हो और बीच में थोड़ा सा आराम करने को मिल जाए एक झटके मिल जाए तो आगे का काम बहुत उत्साह और गर्मी के साथ किया जा सकता है क्योंकि शरीर और दिमाग दोनों ही चुस्त महसूस करते हैं एक अच्छी नींद के बाद नींद गहरी हो तो शरीर और ज्यादा हल्का हो जाता है लेकिन आजकल देखा जा रहा है कि तनाव की वजह से लोगों को नींद कम आती है और उन्हें सोने के लिए गोलियों का सहारा लेना पड़ता है। लोग नींद को टालते भी हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए जब भी नींद आए हल्का से झपकी ले ले तो शरीर ऊर्जा से भर जाता है।
सच बोलूं तो यार, नींद वाकई में जादू की तरह काम करती है। मैं जब थक जाता हूँ और बस 20 मिनट की झपकी लेता हूँ, तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने रीसेट बटन दबा दिया हो। आजकल लोग नींद को सीरियसली ही नहीं लेते। हर कोई बस फोन या लैपटॉप में घुसा रहता है और फिर कहते हैं कि दिमाग भारी लग रहा है।