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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 3:25 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 40
बिछड़ना मुकद्दर था तो मिलते कैसे,
फूल सेहराओं में भला खिलते कैसे ,
बहुत चाहा मैने भुला दूं नाम उनका मगर,
ज़ालिम,मेरी रूह में बसे थे निकलते कैसे।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 3:27 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 41
तेरी दहलीज पर आने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
तुझको अपना हाल सुनाने को,
मेरा दिल तो बहुत करता है,
मेरे दूर जाने पर जब,
एक आवाज भी ना दी तूने तो,
मेरा भी खामोश हो जाने को,
दिल तो बहुत करता है,
और तू मुझे छोड़ कर अब,
जब किसी और का हो ही गया है तो,
मेरा भी यार तुझ्से बिछड़ जाने को,
दिल तो बहुत करता है।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 3:29 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 42
रात मेरी सारी,
एक तेरे खयाल में गुजर गई,
जवाब-तलब किए खुद से,
और सवाल में गुजर गई,
सब कुछ देकर भी हम,
बस खाली हाथ ही रह गए,
और फिर उम्र मेरी सारी,
इस मलाल में गुजर गई ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 3:42 pm
by Ruchi Agarwal
User ID. : Ruchi Agarwal
Post no. : 29
शीर्षक : अत्यधिक भावुकता से बचे
अत्यधिक भावुकता दर्द बढ़ाती है
मन के सुख चैन को बेजार कर जाती है
सही गलत का भान नहीं हो पाता है
हर किसी का दर्द देखकर दिल बह जाता है
कभी कभी तो इस भाव का, फायदा उठाते है लोग
ये भावुकता बन जाती है जीवन का रोग
इस भाव को बदल पाना, है बड़ा दुष्कर
क्योंकि गहराइयों से जुड़ी होती है ,भावनाओं की जड़।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 3:45 pm
by Ruchi Agarwal
User ID: Ruchi Agarwal
Post no. : 30
शीर्षक: तपस्या
कर के जप तप घोर , भोलेनाथ को पाया
उनका सम्मान बचाने को ,खुद को ही गवाया
खुद को ही गवाया , अग्नि कुंड में समा गई
पति सम्मान सर्वोत्तम , सबको सिखा गई
हुए अंग अंग छिन्न , है फिर भी पूजी जाए
कठोर परीक्षा देकर , शिव अर्धांगिनी कहलाए ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 4:13 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 43
दिल के जज़्बात हर किसी को बताए नहीं जाते,
गर मिल जाए कोई खुद सा ही फिर छुपाए नहीं जाते,
हाल-ए-दिल बयां करना दोनों का फिर लाज़मी सा होता है,
ये दिल के रिश्ते हैं जनाब! एकतरफा निभाए नहीं जाते ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 4:14 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 44
इश्क़ की गहराइयों से खूबसूरत क्या है,
मैं हूं,तुम हो,किसी और की जररूत क्या है,
तुम पर लुटा दिया मैंने खुद को इस कदर,
मेरा दिल क्या,जिस्म क्या और जान क्या है।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 4:16 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 45
वो जो किया है मैंने,
उसका तो ये सिला ही नहीं,
शिकायतें कैसी यार,
मुझको तो अब गिला भी नहीं,
वो जिनको मयस्सर रहे हम,
हर धूप-छांव में ,
ज़रूरत-ए-वक्त पर मगर,
मुझको वो मिला ही नहीं।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 4:18 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 46
मेरे श्याम
श्याम-रंग में रंगकर खुद को,
श्याम से प्रीत लगाऊं,
जब-जब मुरली श्याम बजाए,
सुध-बुध मैं बिसराऊं,
भूल जगत के सारे बंधन,
श्याम नाम दोहराऊं,
बन कर फिर मैं राधा तेरी,
राधेश्याम कहाऊँ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Tue Mar 04, 2025 4:29 pm
by utopian_writeups
Username - Utopian_writeups
Post NO.- 47
दोस्ती बेशकीमती तोहफ़ा है रब का,
इसका तो सौदा हो नहीं सकता,
निभाते हैं रिश्ता रह कर एक दूजे के दिल में,
इससे बढ़ कर कोई घरौंदा हो नहीं सकता ।