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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे

Posted: Thu Mar 20, 2025 5:05 pm
by Salil24
जब माशूका ही मर्ज बन जाए तो क्या कीजे
मियाँ तुमको ही खर्च कर जाए तो क्या कीजे

✍सौरभ आनंद

Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे

Posted: Thu Mar 20, 2025 5:06 pm
by Salil24
कभी न रूठे प्रेमिका ऐसा करना काज।
भर-भर आशीर्वाद दे तुमको पूर्ण समाज॥

✍सौरभ आनंद

Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे

Posted: Thu Mar 20, 2025 5:08 pm
by Salil24
ज़रा सँभलकर रहना मेरी जाँ आज ज़माने में
अक्सर दाग भी कोरे कागज पर ही लगते हैं

✍सौरभ आनंद

Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे

Posted: Tue Apr 01, 2025 8:31 pm
by aakanksha24
13 पहेली
पौन चलत वह देह बढ़ावे। जल पीवत वह जीव गंवावे ।
है वह प्यारी सुंदर नार । नार नहीं है पर है वह नार ।।

उत्तर – आग

Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे

Posted: Wed Apr 02, 2025 2:13 pm
by aakanksha24
14 पहेली
एक नार तरवर से उतरी,
सर पर वाके पांव
ऐसी नार कुनार को ,
मैं ना देखन जॉंव ।।

उत्तर –मैना
15 बाला था जब सबको भाया,
बड़ा हुआ कुछ काम न आया ।
खुसरो कह दिया उसका नाव,
अर्थ करो नही छोड़ो गांव।।

उत्तर – दिया

16 नारी से तू नर भई और श्याम बरन भई सोय।
गली गली कूकत फिरे कोइलो कोईलो लोय ।।

उत्तर – कोयल