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Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Fri Dec 06, 2024 3:49 pm
by Kunwar ripudaman
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गई
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !
Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Fri Dec 06, 2024 3:50 pm
by Kunwar ripudaman
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !
Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Fri Dec 06, 2024 4:47 pm
by Sonal singh
बारिश का दिन हो और छुट्टी हो। ऐसा तो बचपन में हुआ करता था। भगवान से बनाते थे खूब जोर-जोर से बारिश आ जाए और आज स्कूल की छुट्टी हो जाए। फिर हमको मटरगश्ती करते थे अपनी सहेलियों के साथ बारिश में। कागज की कश्ती बनाते थे आम के टपके खाते थे। सड़क पर लगे गरमा गरम भुट्टे लेकर आते थे और बारिश में पेड़ के नीचे खड़े होकर खाते थे। रिमझिम बारिश में झूला झूलते थे। वह बारिश के दिन आज भी बहुत याद आते हैं। मधुर मधुर संगीत चलाते थे और उसमें बारिश के ही गाने चलाया करते थे। डांस करते थे। बारिश का वह दिन हम ऐसे एंजॉय किया करते थे। अब वह बारिश ही नहीं होती जो पहले हुआ करती थी।
Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Fri Dec 06, 2024 4:49 pm
by Sonal singh
ये मौसम की बारिश,
ये बारिश का पानी,
ये पानी की बूंदें,
तुझे ही तो ढूंढें..
ये मिलने की ख्वाहिश,
ये ख्वाहिश पुरानी
हो पूरी तुझसे,
मेरी ये कहानी..
कभी तुझमें उतरूं,
टू सांसों से गुज़रूं भी आए..
दिल को राहत..


Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Fri Dec 06, 2024 8:32 pm
by Sarita
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गई
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !


🪽
Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
Posted: Sun Dec 08, 2024 3:20 pm
by Harendra Singh
कभी गए थे साथ तुम्हारे ,
जहां उत्सुकता भरे रास्तों में कीचड़ न था कम।
कभी गिरे कभी गिराए कभी हम तुमपर ,
कभी तुम हम पर थे आये।
लोग देखे हंसे मुस्काये ,
ये बर्बाद घराने है लोग ये भी सुनाए ,
लेकिन हमें सिर्फ तुम ही याद आये।
वो दिन याद है जब तुम छतपर थे आये
तुम्हे देखने के लिए हम सड़कों पर खूब नहाए,
दोस्तों से लड़ाई ,झगड़े किये खूब चिल्लाए
तब जाकर तुम मेरी तरफ देखकर थे मुस्कराए।
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आये
वो बचपन के दिन जब हम साथ थे नहाए,
पानी वाले जहाज खूब मिलकर थे दौड़ाए
इसी बीच कभी तुम रूठे कभी हम मनाए
ताकि मेरी मोहब्बत को किसी की नजर न लग जाये
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आए..


