Re: Diwali ke baad dekhenge!!
Posted: Sun Apr 13, 2025 11:45 pm
भाई साहब, ये "दीपावली के बाद देखेंगे" तो इंडिया का सबसे भरोसेमंद स्थायी बहाना है—सरकारी फाइल से भी ज़्यादा धीमा लेकिन शत-प्रतिशत प्रभावी! लेकिन असली मुसीबत तब होती है जब दिवाली सच में खत्म हो जाती है और सामने वाला याद भी दिला देता है, जैसे उसने कैलेंडर पर रेड मार्कर से तारीख गोला कर रखी हो! अब इसके बाद नए बहाने की खोज चालू होती है जैसे "नया साल आने दो", "बजट पास हो जाने दो", या फिर "अभी तो होली आ रही है, रंगों के बाद रंग दिखाएंगे!"