Re: बस में चढ़ने के लिए महिलाओं ने अपनाया नया तरीका, Video हो रहा है जमकर वायरल
Posted: Sat Nov 23, 2024 9:26 am
वैसे यह पहले ही होता था कि यदि कोई महिला खड़ी होती थी तो पुरुषों से अपनी सीट दे देते थे आजकल कोई नहीं देता महिला खड़ी है इस बात से उन्हें कोई लेना देना है नहीं वह अपनी सीट पर बैठे ही रहते हैं इसीलिए तो आरक्षित सीट की गई थी। मैंने भी कई सफर बस में खड़े रहकर किए हैं यहां तक कि बेटे को गोद में उठाकर एक बार मैं बेटे को गोद में उठाकर खड़ी रही तब भी किसी ने यह नहीं कहा कि मैं खड़ा हो जाता हूं आप बैठ जाइए और बेटा किसी की गोद में जा नहीं रहा था। हां मैंने कई बार अपनी सीट छोड़ी है किसी बुजुर्ग महिला के लिए किसी बुजुर्ग पुरुष के लिए या किसी बीमार के लिए और खुद खड़े रहकर सफर किया है और कुछ नहीं बस जब दूसरों को आराम मिलता है तो खुद दिल में सुकून महसूस होता है।manish.bryan wrote: Fri Nov 22, 2024 9:20 pmआपने बिल्कुल सही कहा दिल्ली की बसों में तो महिलाओं का ही रात चलता है 24 में से 14 सेट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और वह पुरुषों पर बैठ गई तो भी वहां से उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है क्योंकि जो पुरुष का है वह महिला का है और जो महिला का है वह तो है ही उसका।Sonal singh wrote: Tue Nov 19, 2024 4:22 pmमहिलाएं तो असंभव को भी संभव कर दे यह तो बस है नारियल के पेड़ पर चढ़कर नारियल तोड़ लाती हैं सबसे अच्छे नजारे महिलाओं के रक्षाबंधन भाई दूज पर देखने को मिलते हैं जब बस और ट्रेन में जगह नहीं मिलती जेंट्स भी फेल है।ऐसे ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे महिलाओं के और साथ में महिला मंडली चलती है पूरी। कैसे भी करके सीट मिल जाए बस या बस में घुस जाएं महिलाओं को सलूट है।manish.bryan wrote: Mon Nov 18, 2024 10:07 pm
मुझे तो पक्का लग रहा है कि इस महिला के भाई की शादी है और एक कैसे भी करके बस में चढ़ जाना चाहती है जिससे इसके पति को मजबूरन बस सेंध मार कर भी चढ़ाना पड़े तो चढ़े नहीं तो आगे 75 गलियां तैयार
वैसे अति विशिष्ट कारण हो या हो सकता रक्षाबंधन का दिन हो और दिल्ली में बसों का शुल्क माफ है तो ऐसे में कुछ कंजूस महिलाएं पैसा बचाने के लिए भी ऐसे कृत को अंजाम देती हैं और यह महिला शायद ऐसा ही कुछ करते हुए दिख रही है।
यह मैंने हास्य रूप से कहा है इसमें किसी महिला विशेष को निजी क्षति पहुंचाने का मेरा कोई भी उद्देश्य नहीं था।
दिल्ली की महिलाओं को चाहिए जो पुरुषों के कंधे के कंधा मिलकर आगे बढ़ रहे और डीएमआरसी में कल ही एप्लीकेशन लिख कर दे दें की महिलाओं को आरक्षित सीट अब नहीं चाहिए वह स्वयं में पराक्रमी है और वह पुरुषों की भी सीट अधिग्रहण नहीं करेंगे।