Tech Hiring in India 2024: इस साल दुनियाभर में हो रहे टेक्नोलॉजी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी के बीच, भारतीय आईटी सेक्टर ने कुछ सकारात्मक संकेत दिखाए हैं. देश की अग्रणी आईटी कंपनियां अब तमिलनाडु के कॉलेजों से बड़ी संख्या में टेक छात्रों की भर्ती करने की तैयारी में हैं. TCS, कॉग्निज़ेंट, और एक्सेंचर जैसी बड़ी कंपनियां चेन्नई के कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (CEG) और MIT जैसे प्रतिष्ठित कॉलेजों से फ्रेशर्स की भर्ती में दिलचस्पी दिखा रही हैं.
कैम्पस प्लेसमेंट की तैयारी:
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, TCS, कॉग्निज़ेंट, और एक्सेंचर अगले महीने चेन्नई के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट के लिए आएंगे. सितंबर में, ये कंपनियां प्रतिभाशाली आईटी फ्रेशर्स की भर्ती करेंगी और चयन के बाद उन्हें आकर्षक वेतन पैकेज की पेशकश करेंगी. ईसवारी इंजीनियरिंग कॉलेज (SRM ग्रुप) की प्रिंसिपल पी. देवसुंदरी के मुताबिक, उन्हें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) से सितंबर में प्लेसमेंट के लिए कैंपस आने के बारे में एक ईमेल प्राप्त हुआ है.
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि एक और बड़ी टेक कंपनी, कॉग्निज़ेंट, ने छात्रों को ट्रेनिंग देने के लिए उन क्षेत्रों की सूची पहले ही भेज दी है जिनमें उन्हें प्रशिक्षण देना है. ईसवारी इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि इस साल सामान्य भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू होने की संभावना है. एक्सेंचर भी इसी कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट के लिए आ सकता है.
वेतन और कैटेगरी:
रिपोर्ट के अनुसार, एक प्लेसमेंट अधिकारी ने बताया कि TCS फ्रेशर्स को तीन कैटेगरी में भर्ती करेगी: निंजा, डिजिटल और प्राइम, वेतन पैकेज भी कैटेगरी के आधार पर अलग-अलग होगा. डिजिटल और प्राइम कैटेगरी में छात्रों को प्रति वर्ष 7 लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया जाएगा, जबकि स्नातक छात्रों को 9 लाख रुपये वार्षिक वेतन की पेशकश की जाएगी. निंजा कैटेगरी में वेतन पैकेज डिजिटल और प्राइम कैटेगरी से कम होगा.
प्लेसमेंट अधिकारी ने यह भी बताया कि ज्यादातर भर्ती इन्हीं दो कैटेगरी में की जाएगी, और जिन छात्रों के पास अच्छी प्रोग्रामिंग स्किल्स और प्रोजेक्ट्स होंगे, उन्हें नौकरी के लिए चुना जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि CEG और MIT जैसे कॉलेजों ने अपने छात्रों को पहले से ही इंटरव्यू तकनीक, समस्या-समाधान और पायथन प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षित किया है ताकि वे प्लेसमेंट सीजन के लिए पूरी तरह से तैयार हों.
विश्वविद्यालय और कंपनियों का रुझान:
अन्ना यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री कोलैबोरेशन के डायरेक्टर, के. शन्मुग सुन्दरम ने कहा कि गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियां 12 साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से कैंपस में आईं. उन्होंने यह भी कहा कि सितंबर तक 45 कंपनियां छात्रों को भर्ती करने के लिए तैयार होंगी. इसके अलावा, एप्पल ने भी विश्वविद्यालय का दौरा किया, जहां से 26 छात्रों को सफलतापूर्वक प्लेसमेंट ऑफर मिला.
2024 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), गिंडी, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और अलागप्पा कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी सहित कई संस्थानों में लगभग 95 कंपनियां आने में रुचि दिखा रही हैं. तमिलनाडु के एसएनएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने भी कैंपस प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण करने वाली कंपनियों में 30% की वृद्धि देखी. राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज को भी आईटी कंपनियों की वापसी के साथ अधिक ऑफर मिलने की उम्मीद है. अधिकांश कॉलेज और शैक्षिक संस्थान अब कई बड़े नामों के साथ एक बड़े भर्ती चरण के लिए तैयार हो रहे हैं.
Source: https://hindi.latestly.com/technology/t ... 64886.html
Tech Hiring in India 2024: टेक कंपनियों में नौकरियों की बहार, TCS, कॉग्निजेंट, एक्सेंचर समेत कई टेक जायंट्स करेंगी IT छा
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- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
- Posts: 401
- Joined: Fri Aug 16, 2024 1:45 pm
Re: Tech Hiring in India 2024: टेक कंपनियों में नौकरियों की बहार, TCS, कॉग्निजेंट, एक्सेंचर समेत कई टेक जायंट्स करेंगी I
दुनिया भर में टेक्नोलॉजी का क्षेत्र काफी फैल गया है इस साल में टेक्नोलॉजी में हो रहे चटनी के बीच भारतीय आईटी सेक्टर ने कुछ सकारात्मक संकेत दिए हैं शैक्षिक संस्थान अब कई बड़े नाम के साथ एक बड़े भारती चरण के लिए तैयार हो रहे हैं जो बहुत ही अच्छीबात है |
Re: Tech Hiring in India 2024: टेक कंपनियों में नौकरियों की बहार, TCS, कॉग्निजेंट, एक्सेंचर समेत कई टेक जायंट्स करेंगी I
आपकी बात बिल्कुल सही है। जब दुनिया भर का टेक्नोलॉजी सेक्टर बड़े पैमाने पर छंटनी की मार झेल रहा है, तब भारतीय आईटी सेक्टर मजबूत खड़े हुए है। यह निश्चित रूप से एक राहत की बात है। भारतीय आईटी कंपनियों का ग्राहक आधार काफी विविध है, जिसमें अमेरिका, यूरोप, और एशिया के कई देश शामिल हैं। इस विविधता के कारण, किसी एक क्षेत्र में आर्थिक मंदी का असर पूरे सेक्टर पर कम पड़ता है।