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आपकी कुछ बातों से तो मैं सहमत हूं जैसे कि एकाकी जीवन अच्छा होता है इस बात में मैं 100% आपके साथ सहमत हूं लेकिन मेरी असहमति भी है कुछ बातों पर जैसा कि आपने लिखा कि इंसान अगर रीबॉक का जूता भी पहना है तो दूसरों को दिखाने के लिए पहनता है। नहीं ऐसा नहीं है कि वह दूसरों को दिखाने के लिए पहना है वह इसीलिए पहना है क्योंकि उसे जूता आरामदायक लगता है चप्पल से ज्यादा उसे उसमें अपना पर सुरक्षित महसूस होता है। चप्पल की अपनी जगह है और जूते की अपनी जगह। हर काम हम दूसरों को दिखाने के लिए नहीं करते कुछ अपनी सुविधा के लिए भी करते हैं। और कई लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों की परवाह ही नहीं करते। क्यों सही है न???manish.bryan wrote: Fri Oct 11, 2024 8:34 am फ्लैश करने के बाद भी या फिर बोले छोटे से पाइप होने के माध्यम से यह बच्चा प्लस नहीं हो पा रहा है क्योंकि यह खुद से नाराज हो गया है। लेकिन निजी जीवन में जिन्हें अकेला रहना पसंद है और किसी भी तरह से कंप्यूटर जगत से जुड़े हुए हैं जहां 50 परसेंट से अधिक वर्क फ्रॉम होम और रिमोट जब मौजूद है उन सभी मित्रों को मैं आग्रह करूंगा कि वह हिमालय की कूच और कुछ करें और हम पीछे से आपको सहयोग देंगे और आपके पास जो कुछ इस सांसारिक जीवन में बच जाएगा उसका भी हम देखभाल कर लेंगे।
एकांकी जीवन काफी अच्छा होता है बसे दो टाइम का खाना टाइम से ऑन मनपसंद मिल जाए बाकी दिन भर की दिनचर्या को इतनी व्यवस्था में बदला जा सकता है कि जब किसी के पास फुर्सत ही ना हो कुछ सोचने की लेकिन इच्छाएं परिकल्पनाएं या जीवन में आगे बढ़ाने की इच्छा या कहीं ना कहीं से किसी न किसी तरह से जुड़ाव की ओर इशारा करती है।
इंसान अगर रीबॉक का जूता भी पहना है तो दूसरों को दिखाने के लिए पहना है क्योंकि हवाई चप्पल में भी उसका काम चल जाएगा तो ऐसे लोग इन कथनों से बचें यह मेरी उनका निजी तौर से सलाह है या आर्थिक मोर्चे पर वह दान पुण्य करके हिमालय की और कुछ करें रास्ता में बता दूंगा![]()
सही कहा आपने इस मतलबी दुनिया में कोई अपना नहीं है सबका अपना अपना स्वार्थ है। बिना स्वार्थ का तो आज के समय में कोई रिश्ता नहीं है रिश्ते या पहले जैसे नहीं रहे सब रिश्तो में धोखा है कोई भी रिश्ते में ट्रांसपेरेंसी नहीं है। लोग होते कुछ है दिखाई कुछ और देते हैं। इसीलिए नोबडी लव्स इस स्वार्थी दुनिया में कोई अपना नहीं है।Sarita wrote: Wed Dec 04, 2024 3:43 pm नोबडी लव्स में इसमें मैं क्या ही बोलूं आजकल की दुनिया मतलबी है सब अपने काम के लिए आते हैं तुम खुश हो या दुखी किसी को कोई भी मतलब नहीं है सब अपने काम से कम मतलब रखते हैं कोई यह भी नहीं समझता कि तुम चाह कर रहे हो!
सबको अपने मतलब से मतलब है अपनी खुशी से मतलब है दूसरे के दुख दर्द से कोई लेना-देना नहीं जैसे कि अभी कुछ दिन पहले खबरों में एक बड़ी ही विचित्र खबर आई थी की एक आदमी ने आत्महत्या कर ली इसका कारण क्या था कि पड़ोस में डीजे बज रहा था उसने कई बार कहा कि डीजे को बंद कर लो मुझे तेज आवाज से प्रॉब्लम है लेकिन डीजे वालों ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे आदमी ने जाकर आत्महत्या कर ली।Sarita wrote: Wed Dec 04, 2024 3:43 pm नोबडी लव्स में इसमें मैं क्या ही बोलूं आजकल की दुनिया मतलबी है सब अपने काम के लिए आते हैं तुम खुश हो या दुखी किसी को कोई भी मतलब नहीं है सब अपने काम से कम मतलब रखते हैं कोई यह भी नहीं समझता कि तुम चाह कर रहे हो!
हर रिश्ते में थोड़ा बहुत स्वार्थ तो होता ही है यह सही बात है लेकिन सारा ही स्वार्थ हो जाना यह बहुत खराब बात है। ट्रांसपेरेंसी इसीलिए नहीं है क्योंकि धोखा देना चाहते हैं। किसी को धोखा दे रहे हैं किसी से धोखा खा रहे हैं। और लगभग सभी यह कह रहे हैं नोबडी लव्स.... प्यार की हर आदमी को तलाश है लेकिन अपने अंदर का प्यार वह किसी को देना नहीं चाहता। शायद खत्म हो गया है इसीलिए उसकी तलाश है सारी दुनिया को....Sonal singh wrote: Wed Dec 04, 2024 4:40 pmसही कहा आपने इस मतलबी दुनिया में कोई अपना नहीं है सबका अपना अपना स्वार्थ है। बिना स्वार्थ का तो आज के समय में कोई रिश्ता नहीं है रिश्ते या पहले जैसे नहीं रहे सब रिश्तो में धोखा है कोई भी रिश्ते में ट्रांसपेरेंसी नहीं है। लोग होते कुछ है दिखाई कुछ और देते हैं। इसीलिए नोबडी लव्स इस स्वार्थी दुनिया में कोई अपना नहीं है।Sarita wrote: Wed Dec 04, 2024 3:43 pm नोबडी लव्स में इसमें मैं क्या ही बोलूं आजकल की दुनिया मतलबी है सब अपने काम के लिए आते हैं तुम खुश हो या दुखी किसी को कोई भी मतलब नहीं है सब अपने काम से कम मतलब रखते हैं कोई यह भी नहीं समझता कि तुम चाह कर रहे हो!