Source: https://www.abplive.com/news/india/karn ... rs-2743519कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार से आईटी/आईटीईएस/बीपीओ क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए काम के घंटे बढ़ाने की अपनी कथित योजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
संघ के अनुसार सरकार कर्मचारियों के लिए काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे प्रतिदिन करने की योजना बना रही है. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में कर्नाटक दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव हाल ही में श्रम विभाग द्वारा उद्योग के विभिन्न हितधारकों के साथ बुलाई गई बैठक में प्रस्तुत किया गया.
श्रम मंत्री संतोष लाड, श्रम विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी (आईटी-बीटी) मंत्रालय के अधिकारी बैठक में शामिल हुए, जिसमें संघ के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. संघ ने प्रस्तावित संशोधन का कड़ा विरोध किया, जिसके बारे में उसने (संघ) कहा कि यह किसी भी कर्मचारी के निजी जीवन के मूल अधिकार पर हमला है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि श्रम मंत्री ने कोई भी निर्णय लेने से पहले एक और दौर की चर्चा करने पर सहमति जताई. संघ ने कहा कि प्रस्तावित नया विधेयक 'कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2024' 14 घंटे के कार्य दिवस को सामान्य बनाने का प्रयास करता है, जबकि मौजूदा अधिनियम केवल अधिकतम 10 घंटे प्रति दिन काम की अनुमति देता है, जिसमें ओवरटाइम भी शामिल है.
संघ ने दावा किया कि इस संशोधन से कंपनियों को वर्तमान में प्रचलित तीन शिफ्ट प्रणाली के स्थान पर दो शिफ्ट प्रणाली अपनाने की अनुमति मिल जाएगी तथा एक तिहाई कार्यबल को नौकरी से निकाल दिया जाएगा.
बैठक के दौरान केआईटीयू ने आईटी कर्मचारियों पर बढ़े हुए कार्य घंटों के स्वास्थ्य पर प्रभाव से संबंधित अध्ययनों की ओर ध्यान दिलाया और कहा, 'कर्नाटक सरकार अपने 'कॉरपोरेट' मालिकों को खुश करने की भूख में किसी भी व्यक्ति के सबसे मौलिक अधिकार जीवन जीने के अधिकार की पूरी तरह उपेक्षा कर रही है.'
संघ ने कहा कि इस संशोधन से पता चलता है कि कर्नाटक सरकार कर्मचारियों को इंसान के रूप में नहीं देख रही है, जिन्हें जीवित रहने के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन की आवश्यकता होती है. इसके बजाय यह उन्हें केवल 'कॉरपोरेट्स' के लाभ को बढ़ाने के लिए एक मशीनरी के रूप में देखती है, जिनकी वह सेवा करती है.
संघ ने सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि संशोधन के साथ आगे बढ़ने का कोई भी प्रयास कर्नाटक में आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में काम करने वाले 20 लाख कर्मचारियों के लिए खुली चुनौती होगी.
हफ्ते में मिलेगा 3 दिन का वीक ऑफ, करना होगा इतने घंटे काम, ये राज्य ला रहा नया नियम
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हफ्ते में मिलेगा 3 दिन का वीक ऑफ, करना होगा इतने घंटे काम, ये राज्य ला रहा नया नियम
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
Re: हफ्ते में मिलेगा 3 दिन का वीक ऑफ, करना होगा इतने घंटे काम, ये राज्य ला रहा नया नियम
एक दिन में 14 घंटे काम इंसान करेगा तो उसकी प्रोडक्टिविटी एकदम ख़राब हो जाएगी. लगातार इंसान कोई भी काम करेगा तो उसकी क्वालिटी पर पूरा पूरा असर होगा और शायद इस बात को जानते हुए ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का आविष्कार हूवा. हालाँकि कॉर्पोरेट दुनिया में 4 दिन के काम करने को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन समय के घंटे को 10-12 करने का विचार सही है|
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
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- Joined: Fri Aug 16, 2024 1:45 pm
Re: हफ्ते में मिलेगा 3 दिन का वीक ऑफ, करना होगा इतने घंटे काम, ये राज्य ला रहा नया नियम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आविष्कार मनुष्य की भलाई के लिए ही हुआ है एक दिन में लगातार 14 घंटे काम करने से उसकी प्रोडक्टिविटी एकदम खराब हो जाएगी इंसान कोई भी काम करेगा तो उसकी क्वालिटी पर अवश्य असर पड़ेगा काम को बढ़ावा दिया जा रहा है परंतु 10 से 12 घंटे करने का विचार सही है |
Re: हफ्ते में मिलेगा 3 दिन का वीक ऑफ, करना होगा इतने घंटे काम, ये राज्य ला रहा नया नियम
अगर कोई व्यक्ति रोजाना 14 घंटे काम करेगा, तो उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मानसिक रूप से तनाव, ध्यान में कमी, और बर्नआउट का खतरा बढ़ जायेगा। लंबे समय तक ऐसा करना सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करेगा, जिससे परिवार और दोस्तों के लिए समय निकल पाना मुश्किल हो जायेगा। इसके अलावा, काम की उत्पादकता भी घट सकती है।