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आज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:38 am अरे भाई ! चश्मे की तो बात ही कुछ और है तो बचपन में ही चश्मा लग गया था और अब तो ऐसा लगता है चश्मा ना हो तो आंखें ही नहीं है। खैर ! मेरी
तो बात ही अलग है मुझे तो चश्मे के बिना सुनाई तक नहीं देता जब मुझे किसी की बहुत मध्यम आवाज सुनने होती है तो मैं चश्मा ही लगा लेती हूं।
आपको नजदीक का नहीं दिखाई देता हमें दूर का नहीं दिखाई देता,manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:35 pmआज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:38 am अरे भाई ! चश्मे की तो बात ही कुछ और है तो बचपन में ही चश्मा लग गया था और अब तो ऐसा लगता है चश्मा ना हो तो आंखें ही नहीं है। खैर ! मेरी
तो बात ही अलग है मुझे तो चश्मे के बिना सुनाई तक नहीं देता जब मुझे किसी की बहुत मध्यम आवाज सुनने होती है तो मैं चश्मा ही लगा लेती हूं।
आपको सिर्फ पास का दिखाई देता है और मुझे दूर का तो एक-एक आंखें साझा करके भी हम एक अच्छे जीवन की संरचना दोबारा कर सकते हैंBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:26 pmआपको नजदीक का नहीं दिखाई देता हमें दूर का नहीं दिखाई देता,manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:35 pmआज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:38 am अरे भाई ! चश्मे की तो बात ही कुछ और है तो बचपन में ही चश्मा लग गया था और अब तो ऐसा लगता है चश्मा ना हो तो आंखें ही नहीं है। खैर ! मेरी
तो बात ही अलग है मुझे तो चश्मे के बिना सुनाई तक नहीं देता जब मुझे किसी की बहुत मध्यम आवाज सुनने होती है तो मैं चश्मा ही लगा लेती हूं।
वैसे देखा जाए तो हम दोनों को ही चश्मे की जरूरत नहीं जब दूर का देखना हुआ करेगी आप देख लिया करना। नजदीक का हम आपको देखकर बता देंगे क्यों खामखां चश्मा पर पैसा बर्बाद करना। सयाने लोग कहते हैं बचत करनी चाहिए।
हमने तो चश्मा लगभग त्यागा ही हुआ है क्योंकि पढ़ने लिखने का काम हम बिना चश्मे के करते हैं और दूर देखने के लिए हमारे घर के सामने कुछ है नहीं ....अब भैंसों को क्या ही देखें। हां आंख सांझा करने के विषय में विचार किया जा सकता है किसी डॉक्टर से बात कर लीजिएगा। कई बार घर से बाहर जाएंगे और यदि आप साथ ना हुए और चश्मा भी ना हुआ तो हमें कौन बताया कि सामने क्या हो रहा है।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:42 pmआपको सिर्फ पास का दिखाई देता है और मुझे दूर का तो एक-एक आंखें साझा करके भी हम एक अच्छे जीवन की संरचना दोबारा कर सकते हैंBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:26 pmआपको नजदीक का नहीं दिखाई देता हमें दूर का नहीं दिखाई देता,manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:35 pm
आज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।
वैसे देखा जाए तो हम दोनों को ही चश्मे की जरूरत नहीं जब दूर का देखना हुआ करेगी आप देख लिया करना। नजदीक का हम आपको देखकर बता देंगे क्यों खामखां चश्मा पर पैसा बर्बाद करना। सयाने लोग कहते हैं बचत करनी चाहिए।
या फिर साथ में हो लीजिए तो दूर-दूर के नजारे हम आपको बताते चलेंगे और आसपास क्या घटित हो रहा है इसका बुरा आप देते चलिएगा लेकिन चश्मा त्याग दिया जाए इसमें भलाई है हालांकि कुछ लोग कहते हैं की कम पावर वाले चश्मे लगातार पहनने से आंखें पुनः अच्छी भी हो जाती है
लगता है चश्मे का "इंट्रो" वैसे ही ज़िंदगी में आ गया जैसे कोई अच्छा दोस्त! अब चश्मा तो सिर्फ आंखों की ही मदद नहीं करता, बल्कि ज़िंदगी के छोटे-छोटे क्यूज़ भी साफ कर देता है। आपको नजदीक की चीज़ों को देखने में मुश्किल होती है, लेकिन यह चश्मा न केवल आपकी दृष्टि को, बल्कि आपकी जिंदगी की सटीकता भी बढ़ा देता है।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:35 pmआज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:38 am अरे भाई ! चश्मे की तो बात ही कुछ और है तो बचपन में ही चश्मा लग गया था और अब तो ऐसा लगता है चश्मा ना हो तो आंखें ही नहीं है। खैर ! मेरी
तो बात ही अलग है मुझे तो चश्मे के बिना सुनाई तक नहीं देता जब मुझे किसी की बहुत मध्यम आवाज सुनने होती है तो मैं चश्मा ही लगा लेती हूं।
वाह, क्या बात है! लगता है चश्मे की यह कहानी एक दूसरे की आंखें साझा करने तक पहुँच गई है! एक आंख से पास और दूसरी से दूर देखना, जैसे आपके पास सुपरपावर हो। शायद तुम दोनों मिलकर एक "सुपर चश्मा" बना सकते हैं, जो हर दिशा में सही नजर लाए।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:42 pmआपको सिर्फ पास का दिखाई देता है और मुझे दूर का तो एक-एक आंखें साझा करके भी हम एक अच्छे जीवन की संरचना दोबारा कर सकते हैंBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:26 pmआपको नजदीक का नहीं दिखाई देता हमें दूर का नहीं दिखाई देता,manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:35 pm
आज का चश्मा पहनना पड़े हुए लोगों की निशानी है और यह तो आपको बचपन से ही लग गई है लेकिन वाकई आप काफी पढ़ी-लिखी भी हैं लेकिन जिस तरह से चश्मे की समस्या हमारे सामने रहती है और मुझे तो नजदीक का बिल्कुल भी नहीं दिखता है तो कुछ भी पढ़ने के लिए मल्यात आएगी के लिए मशीन पहले चश्मा ही खोजता हूं क्योंकि कहीं अंको का फिर बदला हुआ तो दुर्घटना घट जाएगी।
वैसे देखा जाए तो हम दोनों को ही चश्मे की जरूरत नहीं जब दूर का देखना हुआ करेगी आप देख लिया करना। नजदीक का हम आपको देखकर बता देंगे क्यों खामखां चश्मा पर पैसा बर्बाद करना। सयाने लोग कहते हैं बचत करनी चाहिए।
या फिर साथ में हो लीजिए तो दूर-दूर के नजारे हम आपको बताते चलेंगे और आसपास क्या घटित हो रहा है इसका बुरा आप देते चलिएगा लेकिन चश्मा त्याग दिया जाए इसमें भलाई है हालांकि कुछ लोग कहते हैं की कम पावर वाले चश्मे लगातार पहनने से आंखें पुनः अच्छी भी हो जाती है