यह दिमाग है 1 मिनट में कुछ सोचता है दूसरे मिनट में कुछ सोचता है चंद्रमा की तरह होता है मन ऐसा कहते हैं कि इसकी हमेशा दशा सामान नहीं रहती इसी तरह से मन भी है कभी बहुत खुश ,कभी बहुत दुखी, कभी बहुत चंचल, कभी बहुत गंभीर मन को समझना बहुत ही मुश्किल है।
दिल तो दिल है.... दिल का क्या है......
