सोमवार की बेचैनी

मौज, मस्ती, चिल मारो (मर्यादित)

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Devendr kumar
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Devendr kumar »

सोमवार को हम नहाते तोता खाते पीते रहते हैं हालात हमारे बहुत हुए हैं पढ़ने लिखने का भी काम करते हैं

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Devendr kumar
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Devendr kumar »

रविवार से सोमवार आता है और अपने घर को जाता है हम आते हैं और अपना नाइट रोटी खाते पीते मौज लेते हैं और मौज-मस्ती फुल लेते हैं कोई काम धाम नहीं हम पर फिर भी घर रहते हैं
Devendr kumar
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Devendr kumar »

और क्या होता है सोमवार को हम आपको बताएंगे हम अपने घर का काम धाम सब कुछ करते हैं पढ़ाई लिखाई पर भी बोल देते हैं और
Bhaskar.Rajni
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Bhaskar.Rajni »

Anil wrote: Mon Dec 02, 2024 8:03 pm शनिवार और संडे खत्म होने के बाद सोमवार के दिन से वीक की नई शुरुआत भी होती है जिससे कि मन में उत्साह रहता है और हमें काम करने की नई ऊर्जा मिलती है
हां यह बात तो आपने बिल्कुल सही कही सप्ताह का पहला दिन होता है और इसके सर्वाधिक सा देखने को मिलता है चाहे वह ऑफिस जाने वाला व्यक्ति हो या फिर स्कूल जाने वाले बच्चे। संडे की छुट्टी के बाद सोमवार अच्छा ही लगता है रिफ्रेशिंग।
Sarita
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Sarita »

सोमवार की बेचैनी है अगर आप एक छात्र रहे तो सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने की टीचर को होमवर्क दिखाने की यदि आपने किया नहीं होता है तो आप बोलते हैं कि हम आउट ऑफ स्टेशन संडे में जस्ट मिलता है उसके बाद फिर सोमवार आता है जिसमें सब चीज स्पेशल स्टार्ट करनी पड़ती है इसलिए बेचैनी होती है कि हमें तो यह करना है यह करना है यह करना है बहुत सारी चीज है स्कूल की ड्रेस पैक करनी है लंच पैक करना है बोतल रखती है टाइम टेबल लगाना है स्कूल से आने के बाद ट्यूशन जाना है रेडी होना!!!
Bhaskar.Rajni
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by Bhaskar.Rajni »

Anil wrote: Mon Dec 02, 2024 8:05 pm हमें आज भी याद है जब संडे आता था और जब मंडे आता था तो स्कूल जाने के लिए सुबह जल्दी तैयार होना पड़ता था और लगता था पूरा दिन खेलने के बाद मंडे कब आ जाता था पता ही नहीं लगता था वह दिन अलग थे
मुझे तो सोमवार अच्छा लगता है। हफ्ते की शुरुआत, लेकिन उसके बाद पता नहीं चलता की कब सारा हफ्ता बीत गया। सोमवार को रिफ्रेशिंग सा महसूस होता है हमेशा से अच्छा लगता है सोमवार जैसे बारिश के बाद आसमान फिर से खिला आया हो।
Bhaskar.Rajni
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Re: सोमवार की बेचैनी

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Sarita wrote: Wed Dec 04, 2024 9:04 pm सोमवार की बेचैनी है अगर आप एक छात्र रहे तो सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने की टीचर को होमवर्क दिखाने की यदि आपने किया नहीं होता है तो आप बोलते हैं कि हम आउट ऑफ स्टेशन संडे में जस्ट मिलता है उसके बाद फिर सोमवार आता है जिसमें सब चीज स्पेशल स्टार्ट करनी पड़ती है इसलिए बेचैनी होती है कि हमें तो यह करना है यह करना है यह करना है बहुत सारी चीज है स्कूल की ड्रेस पैक करनी है लंच पैक करना है बोतल रखती है टाइम टेबल लगाना है स्कूल से आने के बाद ट्यूशन जाना है रेडी होना!!!
मुझे ऐसा लगता है कि रविवार को आराम करके घर रेहकर छुट्टी मना कर जो ऊर्जा प्राप्त की जाती है वह जरूरी भी है सोमवार के लिए क्योंकि सोमवार हफ्ते का पहला दिन है एक नई ऊर्जा के साथ शुरू किया जाए और वह ऊर्जा घर रेहकर संडे में छुट्टी मना कर मिल जाती है।
johny888
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: सोमवार की बेचैनी

Post by johny888 »

Warrior wrote: Mon Nov 18, 2024 5:35 pm हां... शनिवार कई लोगों के लिए सबसे अच्छा होगा... लेकिन मेरे लिए, शुक्रवार रात सबसे अच्छी होती है, दरअसल मैं पूरी शुक्रवार रात फिल्में देखना पसंद करता हूं... रविवार शाम से मेरी बैटरी डाउन होनी शुरू हो जाती है, सोमवार के बारे में सोचते हुए।
हाहाहा, भाई सच कहूं तो मेरी भी हालत बिल्कुल तेरे जैसी ही है। शनिवार भी अच्छा रहता है, लेकिन उसमें रविवार की परछाई आ जाती है। और जैसे ही रविवार की शाम होती है ना, अंदर से कोई कहता है, “अब संभल जा बेटा, सोमवार आ रहा है।”
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