मजाकिया राजनीति चुटकुले

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Kunwar ripudaman
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Re: मजाकिया राजनीति चुटकुले

Post by Kunwar ripudaman »

एक पादरी, एक राजनीतिज्ञ और एक जोकर बार में घुसते हैं। बारटेंडर पूछता है, "यह क्या है, कोई मज़ाक है?"
Kunwar ripudaman
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Re: मजाकिया राजनीति चुटकुले

Post by Kunwar ripudaman »

Bhaskar.Rajni wrote: Fri Dec 06, 2024 1:37 pm
Kunwar ripudaman wrote: Fri Dec 06, 2024 1:23 pm
Sarita wrote: Fri Dec 06, 2024 1:03 pm पता नहीं क्या होगा इस दुनिया का भगत सिंह भी चलेगा अब्दुल अमल भी चल बसे और मेरी तबीयत भी खराब रहती है
कांग्रेस को और अधिक कुशल बनाने का रहस्य सभी लोगों की जगह घोड़ों को लाना है। निश्चित रूप से, हर वोट "हिंसा" में समाप्त होगा, लेकिन कम से कम आवास बाजार स्थिर रहेगा।
बेटा: पापा यह जो सरकार इतने कदम उठाती है आखिर रखती कहां है?
पिता: आम आदमी की छाती पर।
नेता की पत्नी : आपकी हार का मुख्य कारण क्या रहा?

नेता : मै शिकार हो गया था..

पत्नीः किस चीज का?

नेताः सही मतगणना का...
johny888
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Re: मजाकिया राजनीति चुटकुले

Post by johny888 »

Sarita wrote: Fri Dec 06, 2024 11:12 am पता नहीं क्या होगा इस देश का भगत सिंह भी चले जाए अब्दुल कलम भी नहीं रहे और आजकल मेरी तबीयत भी सही नहीं रहती
पहले लगा कोई देशभक्ति वाला भावुक पोस्ट है, फिर अचानक लगा डॉक्टर को टैग करना पड़ेगा। लेकिन हां, तेरी बात में दम है — जिनसे उम्मीद थी, वो चले गए, और जो बचे हैं, वो या तो परेशान हैं या बीमार।
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Re: मजाकिया राजनीति चुटकुले

Post by johny888 »

Bhaskar.Rajni wrote: Fri Dec 06, 2024 1:37 pm
Kunwar ripudaman wrote: Fri Dec 06, 2024 1:23 pm
Sarita wrote: Fri Dec 06, 2024 1:03 pm पता नहीं क्या होगा इस दुनिया का भगत सिंह भी चलेगा अब्दुल अमल भी चल बसे और मेरी तबीयत भी खराब रहती है
कांग्रेस को और अधिक कुशल बनाने का रहस्य सभी लोगों की जगह घोड़ों को लाना है। निश्चित रूप से, हर वोट "हिंसा" में समाप्त होगा, लेकिन कम से कम आवास बाजार स्थिर रहेगा।
बेटा: पापा यह जो सरकार इतने कदम उठाती है आखिर रखती कहां है?
पिता: आम आदमी की छाती पर।
यार, सरकार जितने कदम उठाती है, लगता है जैसे रनवे पर नहीं, सीधा हमारी रगों पर रखती है। कभी टैक्स बढ़ाती है, कभी पेट्रोल, और फिर कहती है “विकास हो रहा है।” हां, हो रहा है , हमारे धैर्य का विकास! मैं तो कहता हूं, सरकारें चलती नहीं, हमारे सिर चढ़कर नाचती हैं।
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