यही मुझे मिला...

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Stayalive
सात सो के बाद , देखो आठ सौ के ठाट!!!
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यही मुझे मिला...

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Balcony View.jpg
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मेरे घर की बालकनी से शानदार नज़ारा।

:lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol:

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Bhaskar.Rajni
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: यही मुझे मिला...

Post by Bhaskar.Rajni »

हे भगवान लोग लाखों रुपया खर्च कर देते हैं कि हमारे घर के सामने हमें अच्छा व्यू देखने को मिले जब हम बालकोनी में जाएं या तो पहाड़ हो या समंदर हो लेकिन यहां तो हमारे घर के आगे तो एक भैसे वाला घर है वहां से कभी गोबर की गंध कभी भैंसों के रंभने की आवाज ही सुनाई देती है जो बाग बगीचा है वह तो हमारे ख्वाबों में ही है
manish.bryan
यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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Re: यही मुझे मिला...

Post by manish.bryan »

घर के बालकनी से वाकई एक शानदार नजारा होना ही चाहिए जहां आसपास हरे भरे पेड़ हो और उनके बीच से बहुत सारे फूल पत्तियां हो जहां बहुत सारे तितलियां मंडरा रहे हो और सामने एक छोटा सा आइलैंड या समुद्र का किनारा हो जहां ज्वार भाटा देखते बन रहा हो और वहां से आ रही हल्की ठंडी हवाएं हो और घर भी एक अच्छी ऊंचाई पर बना हूं जहां से हम चारों तरफ और शहर का नजारा भी ले सकें तो यह तो हुई विचारों की बात लेकिन वास्तव में घर के सामने हमारे नीम बरगद का पेड़ है और बहुसंख्यक आबादी होने के नाते बहुत सारे मकान हैं लेकिन आगे पीछे संघा पेड़ों की उपस्थिति भी हरियाली जरूर दर्ज करती है।

रजनी जी के घर के सामने भैंसों का तबेला वाली बात मुझे थोड़ा दुखदाई लगी इसे जल्दी नगर निगम को बोलकर हटाया जाएगा और वहां फूल कलियां बिछाई जाएगी🥰🥰
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
Bhaskar.Rajni
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Re: यही मुझे मिला...

Post by Bhaskar.Rajni »

manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:47 pm घर के बालकनी से वाकई एक शानदार नजारा होना ही चाहिए जहां आसपास हरे भरे पेड़ हो और उनके बीच से बहुत सारे फूल पत्तियां हो जहां बहुत सारे तितलियां मंडरा रहे हो और सामने एक छोटा सा आइलैंड या समुद्र का किनारा हो जहां ज्वार भाटा देखते बन रहा हो और वहां से आ रही हल्की ठंडी हवाएं हो और घर भी एक अच्छी ऊंचाई पर बना हूं जहां से हम चारों तरफ और शहर का नजारा भी ले सकें तो यह तो हुई विचारों की बात लेकिन वास्तव में घर के सामने हमारे नीम बरगद का पेड़ है और बहुसंख्यक आबादी होने के नाते बहुत सारे मकान हैं लेकिन आगे पीछे संघा पेड़ों की उपस्थिति भी हरियाली जरूर दर्ज करती है।

रजनी जी के घर के सामने भैंसों का तबेला वाली बात मुझे थोड़ा दुखदाई लगी इसे जल्दी नगर निगम को बोलकर हटाया जाएगा और वहां फूल कलियां बिछाई जाएगी🥰🥰
नगर निगम वालों से हमारी एक निवेदन और कर दीजिएगा कि हमें बगीचा पसंद है वहां पर अमलतास के फूल हो, गुलाब के फूल हो, रात की रानी और मोगरा भी हो कुछ अशोक के पेड़ हूं कुछ चंपा की कलियां, नीचे घास हो और दूर-दूर तक शांति हो वहां बैठकर हम अपनी कविताएं रचा करेंगे। यदि आप ऐसा कर पाएंगे तो हम जब अपनी बायोग्राफी लिखेंगे तब उसमें आपका जिक्र करेंगे कि आपने हमारा कितना सहयोग किया।
manish.bryan
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Post by manish.bryan »

Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:41 pm
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:47 pm घर के बालकनी से वाकई एक शानदार नजारा होना ही चाहिए जहां आसपास हरे भरे पेड़ हो और उनके बीच से बहुत सारे फूल पत्तियां हो जहां बहुत सारे तितलियां मंडरा रहे हो और सामने एक छोटा सा आइलैंड या समुद्र का किनारा हो जहां ज्वार भाटा देखते बन रहा हो और वहां से आ रही हल्की ठंडी हवाएं हो और घर भी एक अच्छी ऊंचाई पर बना हूं जहां से हम चारों तरफ और शहर का नजारा भी ले सकें तो यह तो हुई विचारों की बात लेकिन वास्तव में घर के सामने हमारे नीम बरगद का पेड़ है और बहुसंख्यक आबादी होने के नाते बहुत सारे मकान हैं लेकिन आगे पीछे संघा पेड़ों की उपस्थिति भी हरियाली जरूर दर्ज करती है।

रजनी जी के घर के सामने भैंसों का तबेला वाली बात मुझे थोड़ा दुखदाई लगी इसे जल्दी नगर निगम को बोलकर हटाया जाएगा और वहां फूल कलियां बिछाई जाएगी🥰🥰
नगर निगम वालों से हमारी एक निवेदन और कर दीजिएगा कि हमें बगीचा पसंद है वहां पर अमलतास के फूल हो, गुलाब के फूल हो, रात की रानी और मोगरा भी हो कुछ अशोक के पेड़ हूं कुछ चंपा की कलियां, नीचे घास हो और दूर-दूर तक शांति हो वहां बैठकर हम अपनी कविताएं रचा करेंगे। यदि आप ऐसा कर पाएंगे तो हम जब अपनी बायोग्राफी लिखेंगे तब उसमें आपका जिक्र करेंगे कि आपने हमारा कितना सहयोग किया।
आपसे लेखन में जीत पाना संभव हैऔर आपकी टिप्पणियां पहाड़ों पर हिमाच्छादित रूप से दिखती हैं लेकिन हां नगर निगम वालों से बोलकर में निश्चित रूप से आपके कहे अनुसार हर तरह के फूल पेड़ पौधे हरी भरी बगीचों और प्यार मखमलों से भरे घास को बिछाया जाएगा जहां आप सुबह मॉर्निंग वॉक कर सकें तो आपके पैरों को बहुत आनंद महसूस हो वह कहा कहा गया है ना की अपने पैर जमीन पर ना रखिए तो ऐसा ही कुछ नगर निगम से हमारी प्लानिंग कमीशन बैठ के बाद चल रही है।

अपनी बायोग्राफी में हमें जगह देने के लिएआपका लेकिन वाकई जैसा आप बता रही हैं उसके बाद से अगर किसी काव्य को लिखना हो या किसी भी लेखन शैली में कुछ भी करना हो तो बहुत ही सुचारू रूप से और बहुत ही अच्छे-अच्छे विचारों के साथ आदमी क्रियान्वित कर पाएगा।
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Bhaskar.Rajni
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Re: यही मुझे मिला...

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manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:49 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:41 pm
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:47 pm घर के बालकनी से वाकई एक शानदार नजारा होना ही चाहिए जहां आसपास हरे भरे पेड़ हो और उनके बीच से बहुत सारे फूल पत्तियां हो जहां बहुत सारे तितलियां मंडरा रहे हो और सामने एक छोटा सा आइलैंड या समुद्र का किनारा हो जहां ज्वार भाटा देखते बन रहा हो और वहां से आ रही हल्की ठंडी हवाएं हो और घर भी एक अच्छी ऊंचाई पर बना हूं जहां से हम चारों तरफ और शहर का नजारा भी ले सकें तो यह तो हुई विचारों की बात लेकिन वास्तव में घर के सामने हमारे नीम बरगद का पेड़ है और बहुसंख्यक आबादी होने के नाते बहुत सारे मकान हैं लेकिन आगे पीछे संघा पेड़ों की उपस्थिति भी हरियाली जरूर दर्ज करती है।

रजनी जी के घर के सामने भैंसों का तबेला वाली बात मुझे थोड़ा दुखदाई लगी इसे जल्दी नगर निगम को बोलकर हटाया जाएगा और वहां फूल कलियां बिछाई जाएगी🥰🥰
नगर निगम वालों से हमारी एक निवेदन और कर दीजिएगा कि हमें बगीचा पसंद है वहां पर अमलतास के फूल हो, गुलाब के फूल हो, रात की रानी और मोगरा भी हो कुछ अशोक के पेड़ हूं कुछ चंपा की कलियां, नीचे घास हो और दूर-दूर तक शांति हो वहां बैठकर हम अपनी कविताएं रचा करेंगे। यदि आप ऐसा कर पाएंगे तो हम जब अपनी बायोग्राफी लिखेंगे तब उसमें आपका जिक्र करेंगे कि आपने हमारा कितना सहयोग किया।
आपसे लेखन में जीत पाना संभव हैऔर आपकी टिप्पणियां पहाड़ों पर हिमाच्छादित रूप से दिखती हैं लेकिन हां नगर निगम वालों से बोलकर में निश्चित रूप से आपके कहे अनुसार हर तरह के फूल पेड़ पौधे हरी भरी बगीचों और प्यार मखमलों से भरे घास को बिछाया जाएगा जहां आप सुबह मॉर्निंग वॉक कर सकें तो आपके पैरों को बहुत आनंद महसूस हो वह कहा कहा गया है ना की अपने पैर जमीन पर ना रखिए तो ऐसा ही कुछ नगर निगम से हमारी प्लानिंग कमीशन बैठ के बाद चल रही है।

अपनी बायोग्राफी में हमें जगह देने के लिएआपका लेकिन वाकई जैसा आप बता रही हैं उसके बाद से अगर किसी काव्य को लिखना हो या किसी भी लेखन शैली में कुछ भी करना हो तो बहुत ही सुचारू रूप से और बहुत ही अच्छे-अच्छे विचारों के साथ आदमी क्रियान्वित कर पाएगा।
मैं आपकी हृदय से आभारी हूं कि आपने मेरे निवेदन पर नगर निगम वालों से बात आरंभ कर दी है तो मेरे घर के सामने जो भैंसों का घर है उसके मालिक से भी बात करनी पड़ेगी कि वह यहां से हटाने के कितने पैसे लेगा वह सभी आपको ही देखना होगा। तभी बायोग्राफी में आपको जगह मिल पाएगी वरना तो...
अरे अच्छे विचार तो हम लेकर ही पैदा हुए हैं। आपको शायद पता नहीं है हमारे द्वारा लिखी बायोग्राफी जैसे गांधी जी की बायोग्राफी 'मेरे सत्य के साथ प्रयोग' फेमस हुई थी वैसे ही फेमस होगी और साथ ही आप भी फेमस हो जाओगे तो यदि आपको उस बायोग्राफी में अपना नाम चाहिए तो थोड़ी सी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी।
johny888
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: यही मुझे मिला...

Post by johny888 »

Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:15 am हे भगवान लोग लाखों रुपया खर्च कर देते हैं कि हमारे घर के सामने हमें अच्छा व्यू देखने को मिले जब हम बालकोनी में जाएं या तो पहाड़ हो या समंदर हो लेकिन यहां तो हमारे घर के आगे तो एक भैसे वाला घर है वहां से कभी गोबर की गंध कभी भैंसों के रंभने की आवाज ही सुनाई देती है जो बाग बगीचा है वह तो हमारे ख्वाबों में ही है
भाई, दिल से सहानुभूति है तुम्हारे साथ, सच में किस्मत ने बड़ा ही मजेदार मजाक किया है। लोग बालकनी से सूरज को उगते देखना चाहते हैं और तुम्हें हर सुबह "भैंसों का लाइव कॉन्सर्ट" मिलता है। जहां लोग समंदर की हवा में सांस लेते हैं, वहां तुम्हारे हिस्से आई गोबर की सुगंधित ब्रीज़। अब क्या ही किया जा सकता है, यही सोच लो कि तुम नेचर के और भी करीब हो।
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