न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गई
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !
बारिश का दिन... छुट्टी है...
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Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !
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- अबकी बार, 500 पार?
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Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
बारिश का दिन हो और छुट्टी हो। ऐसा तो बचपन में हुआ करता था। भगवान से बनाते थे खूब जोर-जोर से बारिश आ जाए और आज स्कूल की छुट्टी हो जाए। फिर हमको मटरगश्ती करते थे अपनी सहेलियों के साथ बारिश में। कागज की कश्ती बनाते थे आम के टपके खाते थे। सड़क पर लगे गरमा गरम भुट्टे लेकर आते थे और बारिश में पेड़ के नीचे खड़े होकर खाते थे। रिमझिम बारिश में झूला झूलते थे। वह बारिश के दिन आज भी बहुत याद आते हैं। मधुर मधुर संगीत चलाते थे और उसमें बारिश के ही गाने चलाया करते थे। डांस करते थे। बारिश का वह दिन हम ऐसे एंजॉय किया करते थे। अब वह बारिश ही नहीं होती जो पहले हुआ करती थी।
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- अबकी बार, 500 पार?
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Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
ये मौसम की बारिश,
ये बारिश का पानी,
ये पानी की बूंदें,
तुझे ही तो ढूंढें..
ये मिलने की ख्वाहिश,
ये ख्वाहिश पुरानी
हो पूरी तुझसे,
मेरी ये कहानी..
कभी तुझमें उतरूं,
टू सांसों से गुज़रूं भी आए..
दिल को राहत..

ये बारिश का पानी,
ये पानी की बूंदें,
तुझे ही तो ढूंढें..
ये मिलने की ख्वाहिश,
ये ख्वाहिश पुरानी
हो पूरी तुझसे,
मेरी ये कहानी..
कभी तुझमें उतरूं,
टू सांसों से गुज़रूं भी आए..
दिल को राहत..
Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गई
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !
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मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: बारिश का दिन... छुट्टी है...
कभी गए थे साथ तुम्हारे ,
जहां उत्सुकता भरे रास्तों में कीचड़ न था कम।
कभी गिरे कभी गिराए कभी हम तुमपर ,
कभी तुम हम पर थे आये।
लोग देखे हंसे मुस्काये ,
ये बर्बाद घराने है लोग ये भी सुनाए ,
लेकिन हमें सिर्फ तुम ही याद आये।
वो दिन याद है जब तुम छतपर थे आये
तुम्हे देखने के लिए हम सड़कों पर खूब नहाए,
दोस्तों से लड़ाई ,झगड़े किये खूब चिल्लाए
तब जाकर तुम मेरी तरफ देखकर थे मुस्कराए।
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आये
वो बचपन के दिन जब हम साथ थे नहाए,
पानी वाले जहाज खूब मिलकर थे दौड़ाए
इसी बीच कभी तुम रूठे कभी हम मनाए
ताकि मेरी मोहब्बत को किसी की नजर न लग जाये
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आए..


जहां उत्सुकता भरे रास्तों में कीचड़ न था कम।
कभी गिरे कभी गिराए कभी हम तुमपर ,
कभी तुम हम पर थे आये।
लोग देखे हंसे मुस्काये ,
ये बर्बाद घराने है लोग ये भी सुनाए ,
लेकिन हमें सिर्फ तुम ही याद आये।
वो दिन याद है जब तुम छतपर थे आये
तुम्हे देखने के लिए हम सड़कों पर खूब नहाए,
दोस्तों से लड़ाई ,झगड़े किये खूब चिल्लाए
तब जाकर तुम मेरी तरफ देखकर थे मुस्कराए।
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आये
वो बचपन के दिन जब हम साथ थे नहाए,
पानी वाले जहाज खूब मिलकर थे दौड़ाए
इसी बीच कभी तुम रूठे कभी हम मनाए
ताकि मेरी मोहब्बत को किसी की नजर न लग जाये
आज बारिस में सिर्फ तुम याद आए..