'अगर उन्होंने कुछ भी किया, तो हम आदेश पारित करेंगे': Supreme Court की Academicians को चेतावनी

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Warrior
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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'अगर उन्होंने कुछ भी किया, तो हम आदेश पारित करेंगे': Supreme Court की Academicians को चेतावनी

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21 मई 2025 को Supreme Court ने Ashoka University के Professor Ali Khan Mahmudabad की गिरफ्तारी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। Justice Surya Kant और Justice N.K. Singh की बेंच ने स्पष्ट किया कि यदि छात्र और प्रोफेसर इस मामले में कोई कदम उठाते हैं, तो कोर्ट आवश्यक आदेश पारित करेगा।

Professor Mahmudabad को 'Operation Sindoor' पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसे कोर्ट ने 'dog-whistling' करार दिया। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी, लेकिन जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने Haryana DGP को निर्देश दिया कि 24 घंटे के भीतर एक Special Investigation Team (SIT) का गठन किया जाए, जिसमें तीन वरिष्ठ IPS अधिकारी हों, जिनमें से एक महिला अधिकारी अनिवार्य रूप से शामिल हो।

अंतरिम जमानत की शर्तों के तहत, Professor Mahmudabad को सोशल मीडिया पर कोई भी संबंधित पोस्ट या लेख लिखने, या इस विषय पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से रोक दिया गया है। उन्हें जांच में पूर्ण सहयोग करने और अपना पासपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया गया है।

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पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: 'अगर उन्होंने कुछ भी किया, तो हम आदेश पारित करेंगे': Supreme Court की Academicians को चेतावनी

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न्यायमूर्ति Surya Kant ने टिप्पणी की कि जब एक प्रोफेसर युद्ध के नागरिकों, सेना के जवानों आदि पर प्रभाव को लेकर राय दे रहे थे, “अब वे राजनीति की ओर मुड़ रहे हैं… युद्ध पर टिप्पणी करने के बाद वे अब राजनीति की ओर आ गए हैं!”

यह बताते हुए कि हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, Justice Surya Kant ने सवाल किया कि क्या यह इस मुद्दे पर बोलने का सही समय है। उन्होंने कहा,

“हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। लेकिन क्या यह इतना सांप्रदायिक बोलने का समय है..? देश ने एक बड़ी चुनौती का सामना किया है। राक्षस आए और हमारे निर्दोष लोगों पर हमला किया। हम सब एकजुट थे। लेकिन ऐसे समय पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश क्यों?”

Justice Surya Kant ने आगे कहा,
“हर कोई अधिकारों की बात करता है… जैसे कि देश ने पिछले 75 वर्षों में बस अधिकार ही बांटे हैं।”

जब Kapil Sibal ने प्रोफेसर की टिप्पणियों का बचाव किया और कहा कि “इसे हम कानून में dog whistling कहते हैं,”

तब Justice Surya Kant ने जवाब दिया कि प्रोफेसर Mahmudabad अपनी भावनाएं सरल भाषा में व्यक्त कर सकते थे, जिससे दूसरों को ठेस न पहुंचे।

Tags: Justice Surya Kant, Kapil Sibal, Mahmudabad controversy, dog whistling law, free speech India, communal remarks, Supreme Court India, Indian politics and speech, wartime opinion controversy, Hindi legal news, HindiForum
johny888
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: 'अगर उन्होंने कुछ भी किया, तो हम आदेश पारित करेंगे': Supreme Court की Academicians को चेतावनी

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LinkBlogs wrote: Thu May 22, 2025 9:18 am

Justice Surya Kant ने आगे कहा,
“हर कोई अधिकारों की बात करता है… जैसे कि देश ने पिछले 75 वर्षों में बस अधिकार ही बांटे हैं।”


Tags: Justice Surya Kant, Kapil Sibal, Mahmudabad controversy, dog whistling law, free speech India, communal remarks, Supreme Court India, Indian politics and speech, wartime opinion controversy, Hindi legal news, HindiForum

बहुत ही बढ़िया कहा सर आपने। Supreme Court का फैसला बहुत सही और समझदारी वाला है। Professor Mahmudabad को जमानत देकर उनकी बात कहने की आज़ादी का सम्मान किया गया, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ बातें न करने की शर्त भी रखी गई है। इससे साफ होता है कि कोर्ट इस मामले को गंभीरता से देख रहा है। SIT बनाने का आदेश इस बात की गारंटी है कि जांच सही और ईमानदारी से होगी।
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